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स्वामी विवेकानंद ने सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व कर विश्व में अध्यात्म को फैलाया – जैन

  •  हिन्दू युवा संगठन ने विवेकानंद जयंती पर किये पुष्प अर्पित

जालोर . जिला मुख्यालय स्थित विवेकानन्द उद्यान नगर परिषद जालोर में हिन्दू युवा संगठन संस्था की ओर से पुष्पांजलि व संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

नगर अध्यक्ष हेमेंद्रसिंह बगेड़िया ने बताया कि पुष्पांजलि व संगोष्ठी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर निशांत जैन, नगर परिषद सभापति गोविंद टाक व उपखण्ड अधिकारी प्रमोद सीरवी उपस्थित थे। अध्यक्षता संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश सोलंकी ने की। विशिष्ठ अतिथि के नाते नगर परिषद आयुक्त अशोक शर्मा,पार्षद दिनेश महावर,संस्थापक सदस्य अमन मेहता,रतन सुथार,जितेंद्र प्रजापत उपस्थित थे।

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जिला कलेक्टर निशांत जैन ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा।

नगर परिषद सभापति गोविंद टाक ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है।वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें 2 मिनट का समय दिया गया था किन्तु उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण का आरम्भ “मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों” के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था।

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संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश सोलंकी ने बताया कि कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में जन्मे विवेकानन्द आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीवों मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व हैं। इसलिए मानव जाति अथेअथ जो मनुष्य दूसरे जरूरतमन्दों की मदद करता है या सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है। रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानन्द ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा की ओर ब्रिटिश भारत में तत्कालीन स्थितियों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया। बाद में विश्व धर्म संसद 1893 में भारत का प्रतिनिधित्व करने, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रस्थान किया। विवेकानन्द ने संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धान्तों का प्रसार किया और कई सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का आयोजन किया।

उपखण्ड अधिकारी प्रमोद सीरवी ने बताया कि भारत में विवेकानन्द को एक देशभक्त सन्यासी के रूप में माना जाता है और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। विवेकानंद उद्यान पुष्पांजलि कार्यक्रम के पश्चात संस्था पदाधिकारी विवेकानन्द स्मृति स्थल पहुँच कर विवेकानन्द के चरणों मे पुष्पांजली अर्पित की।

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कार्यक्रम में नगर महामंत्री योगेश खत्री, संजय बोराणा, डिम्पलसिंह, मयंक देवड़ा, ओबाराम देवासी, भागीरथ गर्ग, राजकुमार चौहान, धनपत मुथा, महेश भट्ट, सुशीला सैन, मेथी देवी,हुकमीचंद,यशनाथ,महेंद्र राठोड़,नरेंद्र, घनश्याम सुंदेशा सहित कई कार्यकर्ता व विद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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