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कोर्ट केस के वजह से केबिनेट मंत्री बनने से चूके जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग को सरकार ने मुख्य सचेतक बनाकर किया खुश

  • जालोर से पांचवी बार विधायक बने है गर्ग
  • पुत्र वधु ने कर रखा है केस

दिलीप डूडी, जालोर. जालोर के विधायक जोगेश्वर गर्ग को सरकार ने विधानसभा का मुख्य सचेतक बनाया है। इससे उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। जालोर से पांचवी बार विधायक बने गर्ग भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल है, उनके केबिनेट मंत्री बनने की संभावनाएं थी, लेकिन पुत्रवधु की ओर से दर्ज करवाये गए प्रकरण लंबित होने के चलते पार्टी ने रिस्क नहीं ली, लेकिन सरकार ने अब गर्ग को विधानसभा में मुख्य सचेतक बनाकर सदन में अनुशासन संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है।

पहली जीत में बने थे राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार

आरएसएस स्वयंसेवक के रूप में काम करते हुए जोगेश्वर गर्ग को भाजपा पार्टी ने वर्ष 1990 में जालोर अनुसूचित सीट पर मैदान में उतारा था। इसमें गर्ग को जीत मिली, उस दौरान मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने अपनी सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुर्वेद बनाकर गर्ग का रुतबा बढ़ाया था। इसी कार्यकाल के दौरान 1991 में लोकसभा चुनाव में गर्ग को पार्टी ने बूटासिंह के सामने मैदान में उतारा। हालांकि लोकसभा में गर्ग हार गए थे, लेकिन 1993 से 1998 तक की भैरोसिंह की सरकार में भी गर्ग दुबारा विधायक निर्वाचित होने में सफल हुए।

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उस दौरान गर्ग को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। इतना ही नहीं 1998 के चुनाव में गर्ग की टिकट काट दी गई। उसके बाद 2003 में जोगेश्वर गर्ग को फिर से पार्टी ने मौका दिया, गर्ग जीत गए और सरकार भी भाजपा की बन गई, लेकिन गर्ग को मंत्री नहीं बनाया गया। वर्ष 2008 में गर्ग पहली बार विधायक का चुनाव हार गए। इस कारण 2013 में गर्ग की फिर टिकट काट दी गई। वर्ष 2018 में फिर से गर्ग पर पार्टी ने भरोसा जताया, लेकिन सरकार कांग्रेस की बन गई। इसके बावजूद पार्टी ने जोगेश्वर गर्ग की वरिष्ठता का ख्याल रखते हुए विधायक दल का सचेतक बनाया। उसके बाद वर्ष 2023 में फिर से पार्टी ने गर्ग को जालोर सीट पर मौका दिया, गर्ग जीत गए और सरकार भी भाजपा की बन गई। समर्थकों को उम्मीद थी कि इस बार वरिष्ठता को देखते हुए केबिनेट मंत्री बन सकते है, लेकिन पार्टी ने जातीय गणित के लिहाज से और न्यायालय में चल रहे प्रकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्री पद नहीं दिया, अब सरकार ने विधानसभा में मुख्य सचेतक (केबिनेट मंत्री दर्जा) बनाया है।

पुत्रवधु ने कर रखा है केस

जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग के दो बेटे व एक बेटी है। बड़े बेटे की पत्नी ने उसके पति प्रकाश पुंज, ससुर जोगेश्वर गर्ग व सास के विरुद्ध न्यायालय में दहेज प्रताड़ना का प्रकरण दर्ज करवा रखा है। इस प्रकरण में जोगेश्वर गर्ग को स्थगन आदेश (स्टे) मिला हुआ है। वहीं इनके बेटे ने मामले में सरेंडर कर गिरफ्तारी भी दे दी थी।

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प्रकरण न होता तो गर्ग की काबिलियत का मिलता फायदा

समर्थकों का मानना है कि न्यायालय में प्रकरण न होता तो जोगेश्वर गर्ग की काबिलियत का फायदा प्रदेश की जनता को मिलता। इस बार जालोर-सांचौर की पांच सीट में से केवल जालोर और आहोर सीट पर ही भाजपा जीत हासिल कर सकी है। जोगेश्वर गर्ग लगातार दूसरी बार और पांचवी बार के विधायक है। गर्ग अधूरी सरकार में राज्य मंत्री रहे, लेकिन दो बार भाजपा की पूर्ण सरकार होने के बावजूद इन्हें मंत्री बनने का मौका नहीं दिया गया, इस बार केबिनेट मंत्री बनने की संभावनाएं बढ़ गई थी, लेकिन अब मुख्य सचेतक पद पर भूमिका निभानी पड़ेगी।

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