जालोर. जिले की जवाई नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल करने को लेकर राजस्थान किसान संघर्ष समिति जालोर के अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करवाई गई है।
जिसमें हाईकोर्ट द्वारा सचिव जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार तथा मुख्य सचिव राजस्थान जयपुर, सचिव जलसंसाधन विभाग जयपुर एवं सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग जयपुर से एएजी के मार्फत जवाब मांगा गया। आरटीआई के तहत् प्राप्त पुख्ता सबूतों के साथ उक्त रिट दर्ज करवाई गई।
याचिका में बताए महत्वपूर्ण तथ्य
याचिका में बताया कि जवाई नदी जालोर क्षेत्र की एक मात्र जीवनदायिनी नदी है, जिससे जालोर जिले के किसानों को कृषि कार्यों के लिए एवं पेयजल के रूप में पीने का पानी सदियों से उपलब्ध होता रहा हैं, लेकिन 1957 में जवाई नदी पर जवाई बांध के निर्माण के उपरांत वर्ष 2022 तक 66 वर्षो में केवल 8 बार ही ओवरफ्लो हुआ, जो पूर्ण भराव के उपरांत जवाई नदी के ढलान क्षेत्र में पानी छोड़ा गया, जब भी ओवरफ्लो हुआ अधिकांश जिले में बाढ की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे जान माल की क्षति हुई तथा कृषि भूमि का भारी मात्रा में कटाव हुआ। शेष 58 वर्षो में नदी के बहाव क्षेत्र में जवाई बांध के कारण मानसून में पानी की आवक नहीं होने से धीरे धीरे बेरों-कुओं का जलस्तर रसातल चला गया, जिससे पेयजल हेतु भी भारी किल्लत बन गई।
वर्तमान में नर्मदा पेयजल योजना से जो गांव जोड़े गये हैं उनको भी समय पर पर्याप्त व शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं होने से स्थानीय स्रोतों से पानी मिक्स कर आपूर्ति की जा रही है जिसमें फ्लोराईड की मात्रा अत्यधिक है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा हैं। बेरा बस्ती में रहने वाले हजारों लोगों को आज भी पेयजल के लिए पानी के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता हैं। जबकि राज्य जलनीति 2010 में पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई हैं। जवाई नदी का कुल बहाव क्षेत्र जालोर जिले में अधिक होने से प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों के आधार पर भी जवाईबांध के पानी पर 1/2 हिस्से पर जालोरवासियों का प्राकृतिक हक हैं। मानव हितों को मध्यनजर रखते हुए प्रतिवर्ष मानसून में जवाई बांध से जवाई नदी में कानूनी तौर पर 1/2 हिस्से का पानी छोड़ना न्यायहित व जनहित में आवश्यक हैं।
हाईकोर्ट ने 19 दिसम्बर तक मांगी प्रगति रिपोर्ट
जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र प्रकाश सोनी व अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश मानिन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने जनहित याचिका में विशेष रुचि लेते हुए अतिरिक्त एडवीकेट जनरल पंकज शर्मा को रिट की काॅपी प्राप्त कर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश जारी करते हुए 19 दिसम्बर तक प्रगति रिपोर्ट से अवगत करवाने का आदेश पारित किया।