जालोर. विधानसभा चुनाव 2023 का मतदान शनिवार को शांतिपूर्ण सम्पन्न हुआ। कई बूथों पर देर रात तक लाइन लगी होने के कारण अंतिम सूची जारी करने में मशक्कत करनी पड़ी। रविवार को जारी हुई अंतिम सूची के अनुसार जालोर जिला निर्वाचन क्षेत्र में 2018 की तुलना में .05 प्रतिशत मतदान में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2018 में जालोर जिले में 69.72 फीसदी था, जो 2023 में बढ़कर 69.77 प्रतिशत हो गया है। सीधे तौर पर देखा जाए तो जिले के 14 लाख 55 हजार 245 मतदाताओं में से 10 लाख 15 हजार 386 मतदाताओं ने मतदान किया है। जिले की सांचौर विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी सर्वाधिक मतदान हुआ है।
रानीवाड़ा-जालोर में हल्की बढ़ोतरी
जालोर जिला निर्वाचन क्षेत्र के अधीन पांचों विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2018 की तुलना में रानीवाड़ा व जालोर विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत में मामूली बढ़त हुई है, जबकि भीनमाल, आहोर व सांचौर में पहले की तुलना में कुछ कम मतदान हुआ है। हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ निशान्त जैन ने इस बार नवाचार करते हुए प्रवासियों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया था, जिस कारण मामूली मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी भी हुई, लेकिन प्रदेश के मतदान आंकड़े को पार नहीं कर पाए है।
विधानसभा वाइज जानिए स्थिति…
आहोर विधानसभा क्षेत्र
आहोर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा दस साल से काबिज है। वर्तमान विधायक छगनसिंह राजपुरोहित को भाजपा ने रिपीट किया, सामने कांग्रेस ने नया चेहरा सरोज चौधरी को मैदान में उतारा। यहां सीधी टक्कर हुई। वर्ष 2018 में यहां 61.88 फीसदी मतदान हुआ था, लेकिन इस बार मामूली घटकर 61.24 फीसदी तक रह गया। यहां 2 लाख 71 हजार 390 में से 1 लाख 66 हजार 191 मतदाताओं ने मतदान किया है।
जालोर विधानसभा क्षेत्र
जालोर विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा लंबे समय से काबिज है। यहां भी भाजपा ने वरिष्ठ नेता वर्तमान विधायक जोगेश्वर गर्ग को रिपीट किया है, इनके सामने कांग्रेस ने रानीवाड़ा की पूर्व प्रधान रमिला मेघवाल को मैदान में उतारा। यहां भाजपा से बगावत कर पवनी मेघवाल व कांग्रेस से बगावत कर पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल निर्दलीय उतर गए। जिस कारण यहां मतदान प्रतिशत पिछली बार की तुलना में कुछ बढ़ा है। यहां पर 2018 के 61.39 की तुलना में इस बार 62.72 फीसदी मतदान हुआ है। कुलमिलाकर यहां 2 लाख 87 हजार 938 में से 1 लाख 80 हजार 585 मतदाताओं ने मतदान किया है।
भीनमाल विधानसभा क्षेत्र
भीनमाल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा लगातार तीन बार से जीत हासिल कर चुकी, यहां भी वर्तमान विधायक पूराराम चौधरी को मैदान में उतारा। कांग्रेस ने भी यहां प्रत्याशी को रिपीट करते हुए डॉ समरजीत सिंह को सामने उतार दिया। यहां सीधी टक्कर बताई जा रही है। यहां भी मतदान प्रतिशत गिरा है। वर्ष 2018 के 66.24 की तुलना में इस बार 65.34 फीसदी ही मतदान हुआ है। यहां कुल 3 लाख 8 हजार 821 में से 2 लाख 1 हजार 792 मतदाताओं ने मतदान किया है।
सांचौर विधानसभा क्षेत्र
सांचौर विधानसभा क्षेत्र में लगातार दो बार से कांग्रेस काबिज है। मंत्री सुखराम विश्नोई को कांग्रेस ने लगातार चौथी बार मैदान में उतारा है। सामने भाजपा ने नया चेहरा सांसद देवजी पटेल के रूप में पेश किया। इस कारण भाजपा के बागी पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी ने ताल ठोक दी। चुनाव को जोशीला बनाने के लिए कांग्रेस नेता पीसीसी सदस्य शमशेर अली भी बसपा से मैदान में आ गए। यहां चुनावी रौनक बढ़ गई। हालांकि यहां पिछली बार की तुलना में कुछ कम मतदान हुआ। यहां पर 2018 के 81.39 प्रतिशत की तुलना में इस बार 80.91 प्रतिशत मत पड़े। यहां पर कुल 3 लाख 15 हजार 259 में से 2 लाख 55 हजार 89 जनों ने मतदान किया।
रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र
रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा लगातार दो बार से काबिज है, लेकिन भाजपा ने फिर से नारायणसिंह देवल और कांग्रेस ने लगातार रतन देवासी को मैदान में उतारा। यहां पिछली बार भी नजदीकी मुकाबला था। इस बार भी सीधी टक्कर बताई जा रही है। यहां पर वर्ष 2018 में 77.73 फीसदी वोट पड़े थे, इस बार कुछ बढ़कर 77.89 वोट पड़े हैं। कुल मिलाकर रानीवाड़ा विधानसभा के 2 लाख 71 हजार 837 में से 2 लाख 11 हजार 729 मतदाताओं ने मतदान किया है।