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भीनमाल व रानीवाड़ा में दोनों प्रदेश उपाध्यक्षों को पांचवी बार मौका, जालोर में रमिला पर कांग्रेस ने जताया भरोसा

जालोर.

विधानसभा चुनाव को लेकर मंगलवार रात को कांग्रेस की ओर से जारी की गई चौथी सूची में जालोर जिले की तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए। सांचौर सीट पर पहले ही सुखराम विश्नोई को प्रत्याशी बनाया जा चुका है, वहीं पांचवी सीट आहोर पर अभी भी इंतजार है। जिन तीन सीटों पर घोषणा की गई है, उनमें दो सीट रानीवाड़ा व भीनमाल में तो पार्टी ने पांचवी बार प्रत्याशियों को मौका दिया है, दोनों प्रत्याशी कांग्रेस कमेटी में प्रदेश उपाध्यक्ष भी है। इसके अलावा भाजपा का गढ़ मानी जा रही जालोर सीट पर महिला की टिकट अन्य नई महिला को मौका दिया गया है। आइए जानते है तीनों सीटों की गणित…

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रानीवाड़ा विधानसभा सीट

रानीवाड़ा विधानसभा सीट पर वर्ष 2003 से ही कांग्रेस रतन देवासी को प्रत्याशी बनाती आ रही है। यहां रतन देवासी 2008 में जीतकर विधायक बने थे, जबकि 2003, 2013 व 2018 में हार गए थे, देवासी को 2019 में जालोर लोकसभा संसदीय सीट पर चुनाव भी लड़वाया गया था, लेकिन हार गए थे। फिर भी क्षेत्र में इनकी मजबूत पकड़ के कारण पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। देवासी 2018 में करीब साढ़े तीन हजार मतों से हार गए थे, लेकिन उसके बाद लोकसभा चुनाव में रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से करीब 8 हजार मतों से आगे रहे थे, वहीं उसके बाद पंचायतराज चुनावों में चारों जिला परिषद की सीट जीतने में कामयाब रहे, तीन प्रधान बनवाए। इस प्रकार से क्षेत्र में मजबूत पकड़ होने के चलते इन्हें पुनः मौका दिया गया।

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भीनमाल विधानसभा सीट

भीनमाल विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ समरजीतसिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया गया है। डॉ राठौड़ यहां 1998 व 2003 के चुनाव में जीतकर लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। उसके बाद 2008 व 2018 में दो चुनाव हार गए थे। 2013 में इनकी टिकट काट दी गई थी। यहां बीजेपी के लगातार तीन बार विधायक जीते हुए है, डॉ समरजीत सिंह की लगातार सक्रियता और संगठन में दो बार जिलाध्यक्ष रहते हुए मजबूत पकड़ के कारण पार्टी ने इन पर पुनः भरोसा जताया है।

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जालोर विधानसभा सीट

जालोर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां 1985 के बाद कांग्रेस के केवल एक बार 2008 में रामलाल मेघवाल जीत पाए थे।उसके बाद रामलाल मेघवाल की 2013 में करीब 45 हजार मतों से हार होने से 2018 में पूर्व जिला प्रमुख मंजू मेघवाल को टिकट दिया, लेकिन मंजू भी करीब 35 हजार मतों से हार गई। इस कारण पार्टी ने यहां रमिला मेघवाल के रूप में नए महिला चेहरे को मौका दिया है। रमिला मेघवाल रानीवाड़ा से प्रधान रह चुकी है और वर्तमान में जिला परिषद सदस्य भी है। बीते वर्ष इनका नाम संगठन में जिलाध्यक्ष के रूप में भी चलाया गया था। अब पार्टी ने जालोर सीट पर प्रत्याशी बनाकर भरोसा जताया है।

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