जालोर. सांचौर में भाजपा की ओर से सांसद देवजी पटेल को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद नाराज चल रहे दोनों दावेदारों पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी व पूर्व प्रत्याशी दानाराम चौधरी ने मंगलवार को महापंचायत बुलाई। इसमें बड़ी संख्या में सांचौर विधानसभा क्षेत्र से लोग पहुंचे। इस बैठक में वक्ताओं ने बीते वर्षों में सांचौर में आई समस्याओं को गिनाया।
साथ ही कहा कि जिले में भ्रष्टाचार व अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अब कदम उठाने पड़ेंगे। इस महापंचायत में दोनों नेताओं ने 6 नवम्बर तक भाजपा पार्टी को टिकट पर पुनर्विचार के लिए अल्टीमेटम दिया। उसके बाद जनता पर फैसला छोड़ा गया है कि निर्दलीय चुनाव लड़ना है या नहीं।
दानाराम बोले- मैं पार्टी के साथ था और आगे भी रहूंगा
दानाराम चौधरी ने सम्बोधन में कहा कि बीते पांच साल में सांचौर विधानसभा क्षेत्र के हर घर तक पहुंचा, पार्टी के लिए खूब दौड़ लगाई। नेहड़ क्षेत्र में पानी की समस्या और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हमने प्रयास किये, लेकिन टिकट मुझे नहीं मिली। दानाराम ने कहा कि मेरी तो अभी बहुत उम्र बाकी है, चुनाव लड़ना बड़ा मुश्किल काम होता है और निर्दलीय तो बहुत मुश्किल रहता है, इस मामले में जीवाराम अच्छी तरह से जानते है। दानाराम ने कहा कि यहां मौजूद सभी भाजपा के कार्यकर्ता है, मैं पहले भी भाजपा के साथ था और भविष्य में भी भाजपा के साथ रहूंगा, लेकिन जीवाराम का साथ नहीं छोडूंगा। जीवाराम को निर्दलीय लड़ना है तो वो लड़े, मैं नहीं लड़ पाऊंगा।
जीवाराम बोले- आप कहोगे तो 6 नवम्बर को फार्म भर देंगे
जीवाराम चौधरी ने सम्बोधन में भाजपा प्रत्याशी देवजी पर आरोप लगाए, उन्होंने कहा कि 2013 में देवजी ने साथ नहीं दिया, इसलिए सीट पिछड़ गई। जीवाराम ने उपस्थित जनसमूह से कहा कि चुनाव लड़ना आसान नहीं है। अब तो शरीर और जेब दोनों थक रही है, फिर भी आपके सभी समर्थकों के आदेश की पालना की जाएगी। जीवाराम ने कहा कि 6 नवम्बर तक पार्टी को अल्टीमेटम देते है कि टिकट पर पुनः विचार किया जाए, उन्हें या दानाराम को दोनों में से किसी एक को टिकट दे दे। अन्यथा जो समर्थक कहेंगे वो निर्णय लेंगे, जीवाराम ने कहा कि बार बार आप लोगों को बुलाकर परेशान नहीं किया जाएगा, फार्म भरना होगा तो उसके लिए पांच लोग ही खूब रहेंगे।
6 नवम्बर आवेदन की अंतिम तिथि
आपके बता दें कि विधानसभा चुनाव 2023 के आवेदन के लिए 6 नवम्बर अंतिम तिथि है। सांचौर विधानसभा से कांग्रेस ने सुखराम को प्रत्याशी बनाया है, जो लगातार दो बार जीते हैं। वर्ष 2018 में भाजपा ने दानाराम को टिकट दी थी, लेकिन जीवाराम के निर्दलीय लड़ने से सुखराम की जीत आसान हो गई थी।