जालोर. विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट वितरण में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मार ली है। जालोर संसदीय क्षेत्र में 8 में से छह सीट पर प्रत्याशी उतार दिए है। यहां सभी के क्रम ऐसे जो एक से लेकर छह बार हो रहे है। इसमें सांचौर में पहली बार, आहोर में दूसरी बार, पिंडवाड़ा में लगातार तीसरी बार, सिरोही में चौथी बार, रेवदर में पांचवी बार व जालोर सीट पर छठी बार उसी व्यक्ति को मौका दिया गया है।
जालोर लोकसभा संसदीय क्षेत्र की आठ में से छह सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। इनमें से केवल एक ही सीट पर चेहरा बदला है जिस सीट को भाजपा लगातार तीन बार हार चुकी है।
इस कारण वहां चेहरा बदलकर सांसद देवजी पटेल को मैदान में उतारा गया है, हालांकि शुरुआती में अन्य दावेदारों ने जरूर नाराजगी दिखाई है,लेकिन भाजपा के अन्य नेताओं ने भरोसा जताया है कि सांचौर सीट भी बीजेपी आसानी से जीत लेगी।
बाकी सीटों की बात करें तो सिरोही जिले की तीनों सीटों पर पुराने ही उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है।
यहां लगातार चौथी बार
सिरोही विधानसभा सीट पर ओटाराम देवासी को लगातार चौथी बार टिकट देकर मैदान में उतारा गया है। देवासी ने 2008 व 2013 में भाजपा को बड़ी जीत दिलाई थी, 2018 में निर्दलीय के रूप में सहानुभूति लेकर संयम लोढ़ा से हार गए थे। लेकिन पार्टी ने इस बार फिर ओटाराम देवासी पर मजबूत उम्मीदवार के रूप में भरोसा जताया है।
लगातार तीसरी बार उम्मीदवार
इसी प्रकार एसटी आरक्षित आबू पिंडवाड़ा सीट पर भी बीजेपी ने पुराने चेहरे को उतारा है, यहां समाराम गरासिया को लगातार तीसरी बार टिकट दिया गया है। 2003, 2013 व 2018 में समाराम को टिकट दिया और उन्होंने जीत दिलाई, 2008 में भाजपा ने टिकट बदला था जिस कारण यहां हार झेलनी पड़ी थी। इस बार फिर समाराम को मैदान में उतारा है।
लगातार पांचवी बार उम्मीदवार
एससी आरक्षित रेवदर सीट की बात करें तो यहां लगातार चार बार के विधायक रहे जगसीराम कोली पर भरोसा जताते हुए भाजपा ने पांचवी बार टिकट थमाई है। यहां 2003 से लगातार कोली बीजेपी को जीत दिला रहे हैं, पार्टी ने फिर से इन पर भरोसा जताया है।
गर्ग को छठी बार मौका
जालोर जिले की बात करें तो 5 में से 3 सीटों पर बीजेपी अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। जालोर एससी आरक्षित सीट पर जोगेश्वर गर्ग को छठी बार टिकट दिया गया है, वे चार बार विधायक रह चुके है।
यहां दूसरी बार मौका
वही आहोर सीट पर भी भाजपा ने लगातार छगनसिंह राजपुरोहित को रिपीट किया है। बीजेपी ने इन आठ सीटों में से विधायक के रूप में पहली बार प्रत्याशी केवल सांचौर के देवजी पटेल है, शेष सभी पहले विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इधर कांग्रेस की बात करें तो आठ में से एक भी सीट पर पार्टी प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है।