- एक बार लोकसभा व एक बार विधानसभा के चुनाव हारे थे गर्ग
दिलीप डूडी, जालोर. भारतीय जनता पार्टी की ओर से शनिवार को 83 प्रत्याशियों की जारी की गई सूची में जालोर जिले से भी दो सीटों को शामिल किया गया है। जालोर व आहोर सीट पर भाजपा ने टिकट जारी कर दिए हैं। सांचौर में पहले से ही टिकट दी जा चुकी है। जालोर से इस बार फिर से जोगेश्वर गर्ग को भाजपा ने मैदान में उतारा है। यह गर्ग के लिए छठी बार मौका है। इससे पहले पांच में से चार बार विधानसभा के चुनाव जोगेश्वर गर्ग जीतने में कामयाब रहे हैं। हालांकि यहां कई दावेदार अपनी उम्मीदवारी जता रहे थे, लेकिन अंत में पार्टी ने वरिष्ठ नेता पर भरोसा दिखाया है।
तीसरी बार ऐसा मौका जब गर्ग को रिपीट किया
जोगेश्वर गर्ग को भाजपा ने 1990 में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतारा, जिसमें गर्ग जीत गए, उसी दौरान उन्हें फिर 1993 में रिपीट किया गया। उसमें भी गर्ग जीत गए। उसके बाद 1998 में जोगेश्वर गर्ग के स्थान पर गणेशी राम को दिया गया। उसके बाद 2003 में फिर जोगेश्वर गर्ग को मौका दिया, इसमें भी गर्ग जीते, 2008 में फिर रिपीट किया गया, लेकिन यहां पर गर्ग को पहली बार हार झेलनी पड़ी। उसके बाद वर्ष 2013 में मोदी लहर में गर्ग की टिकट काटकर अमृता मेघवाल को उतारा गया। यहां मेघवाल ने जीत हासिल की, लेकिन 2018 में फिर पांचवी बार गर्ग को टिकट थमाया जिसमें वे जीत गए और अब फिर रिपीट कर छठी बार जोगेश्वर गर्ग को भाजपा ने जालोर की आरक्षित सीट से मैदान में उतारा है।
एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ा
जोगेश्वर गर्ग संघ पृष्ठभूमि से आते है। वर्ष 1991 में एससी आरक्षित सीट जालोर संसदीय सीट पर भाजपा ने जोगेश्वर गर्ग को मैदान में उतारा था, लेकिन बूटासिंह के सामने हार गए थे। उसके बाद जोगेश्वर गर्ग लोकसभा चुनाव नहीं लड़े। विधानसभा में जोगेश्वर गर्ग की गिनती भाजपा के कदावर नेताओं में शामिल है। 2018 के कार्यकाल में गर्ग को विधानसभा में भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया था। इस कारण इन्हें पुनः मौका दिया गया।
कार्यकर्ताओं पर भरोसा है मुझे
टिकट मिलने के बाद जोगेश्वर गर्ग ने बातचीत में बताया कि मेरे पास न तो वोट बैंक है और न ही धनबल और गुंडा बल, कार्यकर्ताओं व पार्टी का भरोसा मुझे यहां तक ले आया है। जिस पर पूरा खरा उतरने का प्रयास करूंगा।