- लोकसभा क्षेत्र की 8 सीटों में से एक सीट पर महिला उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में दोनों दल
जालोर. विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर दोनों राष्ट्रीय दलों की ओर से सभी दावेदारों के नाम पर गहन मंथन किया जा रहा है। विशेषकर दोनों दलों के लिए लोकसभा क्षेत्र की आठ सीटों में से एक सीट पर महिला उम्मीदवार बनाने की माथापच्ची के कारण देरी होने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। हालांकि बीजेपी ने पहली सूची जारी करते हुए सांचौर विधानसभा सीट पर देवजी पटेल को उम्मीदवार बना दिया है, लेकिन दूसरी सूची में महिला सीट एडजस्ट करने में मंथन चल रहा है। यही हालात कांग्रेस में भी बने हुए हैं। इस कारण 18 अक्टूबर को सम्भावित सूची को अब कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।
कांग्रेस में यहां पर महिलाओं की मजबूत दावेदारी
जालोर लोकसभा क्षेत्र की 8 सीटों में से कांग्रेस के लिए जालोर, आहोर व पिंडवाड़ा सीट पर महिलाओं की मजबूत दावेदारी पेश की गई है। सिरोही जिले की आबू-पिंडवाड़ा सीट पर गंगाबेन गरासिया ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। गंगाबेन पूर्व 2008 में विधायक रह चुकी है और कांग्रेस जिलाध्यक्ष भी रह चुकी है। यहां इस बार गंगाबेन को लीलाराम गरासिया व निम्बाराम गरासिया से बड़ी टक्कर मिल रही है। दोनों युवा नेताओं की मजबूत दावेदारी के कारण गंगाबेन के नाम पर संशय बना हुआ है। इसी प्रकार जालोर एससी रिजर्व सीट पर कांग्रेस ने पिछली बार भी मंजू मेघवाल को उम्मीदवार बनाया था, उस चुनाव में इनकी बुरी हार हुई थी। इस बार भी यहां से मंजू मेघवाल के साथ साथ इंदु परिहार, रमिला मेघवाल के रूप में भी महिला उम्मीदवारों ने मजबूत दावेदारी पेश की हुई है।
साथ ही यहां कांग्रेस के एक धड़े ने महिला उम्मीदवार के रूप में अंजना मेघवाल का भी नाम आगे किया हुआ है, लेकिन अभी तक पार्टी की सहमति किसी नाम पर नहीं बन पाई है कि किस सीट से महिला को चुनाव लड़वाया जाय। इसके अलावा आहोर विधानसभा सीट पर भी इस बार महिला उम्मीदवार के रूप में सरोज चौधरी ने प्रबल दावेदारी की हुई है, अन्य दोनों स्थानों पर सहमति नहीं बन पाई तो सरोज चौधरी की भी किस्मत खुलने की संभावना बन सकती है।
भाजपा में जालोर पर ज्यादा निगाह
भाजपा ने एक सूची जारी कर दी है, जिसमें सांचौर से देवजी पटेल को उम्मीदवार बनाया है। अब दूसरी सूची में महिला उम्मीदवार को एडजस्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। सिरोही सीट पर पायल परसरामपुरिया का नाम चल रहा था, लेकिन वहां पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी जिताऊ उम्मीदवार के रूप में देखे जाने लगे है, इस कारण अब जालोर सीट पर महिला उम्मीदवार की अधिक संभावना बन गई है, हालांकि यहां मौजूदा विधायक जोगेश्वर गर्ग की टिकट काटना पार्टी के लिए मुश्किल बना हुआ है, लेकिन 8 में से एक सीट पर महिला को एडजस्ट करने के लिए पार्टी की ओर से मंथन भी किया जा रहा है। जालोर सीट पर पूर्व विधायक अमृता मेघवाल, डॉ मंजू मेघवाल, सुषमा गोयल व पवनी मेघवाल के बीच कड़ा मुकाबला बना हुआ है। अब देखना है कि किसकी किस्मत साथ देती है।
कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के लिए मुश्किल
महिला सीट को एडजस्ट करने को लेकर कांग्रेस से अधिक भाजपा को मंथन करना पड़ रहा है। क्योंकि पिछले लगातार दो चुनाव में 8 में से कांग्रेस तो केवल एक सीट ही जीत पा रही है, लेकिन बीजेपी अपनी जीत कायम रखने के लिए गहन मंथन कर रही है। एक सीट के एडजस्ट से कहीं अन्य सीटों का समीकरण न बदल जाए, इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
एक टिकट भी बन सकता है मुद्दा
वैसे तो वर्ष 2018 में 8 में से कांग्रेस ने एक सीट पर महिला को उम्मीदवार बनाया था और भाजपा ने एक भी सीट पर नहीं उतारा था, लेकिन इस बार केंद्र की भाजपा सरकार ने आगामी समय में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने के कारण इस बार 8 में से एक ही सीट देना प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। अन्यथा विपक्षी पार्टियों की ओर से इसे बड़ा मुद्दा भी बनाया जा सकता है। यही वजह है कि भाजपा की ओर से गहन मंथन किया जा रहा है।