- डैमेज कंट्रोल समिति के अध्यक्ष कैलाश चौधरी जल्द करेंगे नाराज जीवाराम व दानाराम चौधरी से मुलाकात
दिलीप डूडी, जालोर.
जालोर सांसद देवजी एम पटेल को सांचौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाये जाने की घोषणा के बाद से ही यहां दावेदारी जताने वाले जीवाराम चौधरी व दानाराम चौधरी के समर्थकों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। टिकट वितरण से पहले भले ही जीवाराम व दानाराम धुर विरोधी रहे हो, लेकिन जैसे ही सांसद को टिकट दिया तो दोनों एक हो गए।
दोनों दावेदार दो दिन बाहर रहने के बाद शुक्रवार को एक साथ सांचौर आये तो बड़ी संख्या में समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। दोनों दावेदारों ने पुनः मांग रखी कि पार्टी टिकट बदलने पर पुनर्विचार करे, जीवाराम ने समर्थकों से कहा कि 5 नवम्बर तक पार्टी को पुनर्विचार के लिए अल्टीमेटम दिया गया है, उसके बाद समर्थक जैसा कहेंगे वो वैसा ही निर्णय लेंगे। इधर, हाल ही में प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर ने भाजपा की बेथज में स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी ने सोच समझकर निर्णय लिए है, पुनर्विचार की कोई गुंजाइश नहीं है। अब दावेदारों की इस नाराजगी को दूर कर पार्टी के लिए सभी को एकजुट करने की जिम्मेदारी केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी पर आ गई है। कैलाश चौधरी को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में डैमेज कंट्रोल समिति का अध्यक्ष बनाया हुआ है। इस समिति में दस अन्य भी शामिल किए गए है। सूत्रों के मुताबिक कैलाश चौधरी जल्द ही प्रत्याशी देवजी पटेल व दोनों दावेदारों जीवाराम व दानाराम को एक टेबल पर बिठाकर ससम्मान विवाद को दूर करेंगे। ताकि पिछले कई सालों से हार रही पार्टी को सांचौर में जीत नसीब हो सके।
जीवाराम विरोध न करते तो दानाराम को मिल जाती टिकट
दरअसल, सूत्रों के मुताबिक सांचौर विधानसभा सीट पर पिछले पांच साल से पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी व पूर्व प्रत्याशी दानाराम चौधरी भरपूर मेहनत कर रहे थे। दोनों के कार्यकर्ताओं की ओर से प्रयास किया जा रहा था कि उनके नेता को टिकट मिले, लेकिन दोनों एक नाम पर सहमत नहीं हो पा रहे थे। जिस पर पार्टी ने सांसद देवजी पटेल को यह जिम्मेदारी दी। पटेल ने दोनों को एक साथ बिठाकर बात भी की और लगभग दोनों एक नाम पर राजी थी हो गए थे, लेकिन टिकट की घोषणा से कुछ दिन पहले पता चला कि पार्टी की ओर से दानाराम चौधरी को टिकट दी जा रही है, यह सुनते ही जीवाराम के समर्थक बड़ी संख्या में जयपुर भाजपा कार्यालय पहुंच गए और वहां जमकर ताकत दिखाई। इससे पार्टी के पदाधिकारी नाराज भी हुए, इस प्रदर्शन को अनुशासनहीनता में माना। साथ ही पार्टी की ओर से उच्च स्तर पर पुनः मंथन किया गया, वहीं जानकारी जुटाई कि दानाराम को टिकट दी तो जीवाराम चौधरी फिर 2018 की तरह बगावत कर पार्टी को हराएंगे, ऐसी स्थिति में पार्टी ने दानाराम के स्थान पर अंतिम समय में छह सांसदों के स्थान पर सात सांसद करते हुए सांचौर से तीसरे चेहरे देवजी पटेल को विधानसभा की टिकट थमा दी। अब जब पार्टी ने सांसद पटेल को टिकट दी तो जीवाराम और दानाराम के समर्थक भी एक हो गए।
पदाधिकारियों के सर्वे में दानाराम थे मजबूत
बताया जा रहा है कि भाजपा पार्टी के केंद्रीय नेताओं, एजेंसियों और संगठन की ओर से पिछले एक साल में छह बार से अधिक सर्वे करवाए गए। सभी सर्वे में जीवाराम के बजाय दानाराम चौधरी को ज्यादा मजबूत उम्मीदवार माना गया। स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों ने भी अपने सर्वे में दानाराम की स्थिति मजबूत बताई। उसमें मुख्य कारण बताया कि जीवाराम चौधरी ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े।
साथ ही बताया कि एक समाज विशेष की जीवाराम चौधरी से नाराजगी चल रही है, उसके कारण ही वर्ष 2013 में मोदी लहर होने के बावजूद भाजपा की टिकट पर जीवाराम चौधरी कांग्रेस के सुखराम बिश्नोई से सीधे मुकाबले में करीब 24 हजार वोटों से हार गए थे। इस कारण पार्टी ने दानाराम को मजबूत उम्मीदवार माना था, पार्टी दानाराम को प्रत्याशी बनाने के पूरे मूड में थी। प्रत्याशियों के अंतिम चयन पर मुहर लगने वाली थी कि सूची आउट हो गई और अखबारों में सम्भावित प्रकाशित हो गई। इससे जीवाराम को लगा कि इस बार भी उनका टिकट काटा जा रहा है, जीवाराम चौधरी के समर्थकों ने जोश में आकर जयपुर जाकर पार्टी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर दिया, इस प्रदर्शन से पार्टी को लगा कि जीवाराम की यह बगावत दानाराम को टिकट देने पर फिर से हरा देगी, इसको देखते हुए तत्काल प्रभाव से नया नाम जोड़कर सांसद देवजी पटेल को प्रत्याशी घोषित कर दिया।