जालोर. भीनमाल बाईपास रोड स्थित श्री देवनारायण मंदिर में महन्त शीतलाइनाथ महाराज के देवलोक गमन होने पर सर्वसमाज की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में एम.एल.गुर्जर ने बताया कि जालोर की धरती संतों की नगरी है कई संत महात्माओं ने यहां तप-जप करके जालोर की जनता को लाभान्वित किया, महाराज जीवन पर्यंत धर्म और जन जागृति के प्रसार में लगे रहे। जिससे आने वाली पीढ़ी सुसंस्कृत होकर राष्ट्र धर्म का निर्वाह करे।
अम्बालाल व्यास ने कहा कि महाराज के कार्य और उनके विचारों को आगे बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है, ज्योतिष आचार्य पवन दाधीच ने उनके साथ बिताये जीवन के सुनहरे पलों को सबके सामने रखा। लालाराम सोलंकी ने कहा कि शीतलाइनाथ महाराज सही अर्थ में संत थे जो सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह की पालना में सर्वस्व लुटा देते थे। सत्यप्रकाश रामावत ने उज्जैन कुम्भ में किये गए कार्यो से सबको अवगत करवाया।
सोहन सिंह गुर्जर ने शीतलाइनाथ महाराज के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मात्र 8 वर्ष की आयु में धर्म की राह पर निकलने वाले सन्त ने समाज को जो कुछ दिया उसका हर धर्मप्रेमी ऋणी है, किशनसिंह गुर्जर ने गुरु महिमा को सबके सामने रखा कि विद्यार्थियों के बीच गुरुदेव का विशेष स्नेह रहता था। उनको मार्गदर्शित करने के कार्य मे सदा लगे रहे, शिक्षिका शैलजा माथुर ने महाराज के सतवचनों को आगे बढ़ाने के विचार को हर धर्म प्रेमी तक पहुँचाने की बात कही। मुकेश सुंदेशा ने तन, मन धन के साथ गुरु के विचारों को आगे बढ़ाने में सहयोग की बात कही।
अंत मे अशोक गुर्जर ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया। इस अवसर पर विधायक जोगेश्वर गर्ग, लाभु सिंह गुर्जर, रणजीत सिंह राजपुरोहित, कैलाश माली, भैरूसिंह गुर्जर, जालम गुर्जर, मोहनसिंह गुर्जर, दिनेश चाड, पुजारी माँगीदास, प्रकाश फागणा, खेतसिंह गुर्जर, किशन गुर्जर, उम्मेद सिंह चाड, मदनसिंह रजलाना, जेठूसिंह रजलाना, हीराराम देवासी, मदनसिंह हाकला, गिरीश माथुर, सुरेश सोलंकी, रतन सुथार, दलपतसिंह आर्य, शिवदत्त आर्य, गुणवंती नागर, दिनेश महावर, नितेश भटनागर, परबतसिंह गुर्जर, सुरेश भाटी, दिनेश बारौठ सहित कई धर्म प्रेमी उपस्थित थे।