- बाजरा की फसल को भी भारी नुकसान की आशंका
- बारिश के कारण काटी हुई खेतों में पड़ी मूंग की फसल हुई बर्बाद
दिलीप डूडी, जालोर. इन बीते तीन दिनों में हुई इस बारिश से जालोर व सांचौर दोनों जिलों के किसानों की करीब तीन अरब रुपए की मूंग फसल को नुकसान हुआ है। साथ ही भारी मात्रा में बाजरा की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। इस वर्ष हालांकि अन्य वर्षों की तुलना में मूंग की कम बुवाई हुई है, लेकिन अब फसल काटकर खेतों में पड़ी थी और बारिश हो जाने से दाने बर्बाद हो गए है।
कृषि विभाग व राजस्व विभाग गिरदावरी की प्रक्रिया व नुकसान के आकलन में जुटे हुए है, लेकिन किसानों से मिली जानकारी के मुताबिक खेतों में खड़ी व पकी हुई फसल के करीब 70 फीसदी मूंग खराब हो गए हैं। इसे देखते हुए दोनों जिलों में करीब तीन अरब रुपये का अनुमानित नुकसान बताया जा रहा है।
बिपरजॉय के कारण हुई थी कम बुवाई
कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जून में आये बिपरजॉय तूफान के कारण कई खेतों में पानी का भराव रहा था। विशेषकर जहां मूंग की अधिक बुवाई होती है, उस आहोर क्षेत्र के गांवों में अधिक पानी का भराव हो गया था, जिस कारण बुवाई का रकबा भी कम रहा। हर वर्ष जहां दोनों जिलों में करीब सवा लाख हैक्टेयर में मूंग की बुवाई की जाती है, उसकी तुलना में इस वर्ष केवल 85 हजार 500 हैक्टेयर में ही मूंग की बुवाई की जा सकी है। इस बुवाई से कृषि विभाग के अनुमान से करीब 76 हजार 950 मीट्रिक टन मूंग उत्पादन की संभावना थी, लेकिन इस बारिश से करीब 70 फीसदी मूंग खराब हो गए है। इससे अनुमानित दोनों जिलों में करीब 3 अरब रुपए का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
बाजरा को भी भारी नुकसान
इस वर्ष दोनों जिलों में खरीफ में 5 लाख 85 हजार 678 हैक्टेयर क्षेत्र में सभी अलग अलग फसलों की बुवाई हुई थी, इसमें से अकेले बाजरा की फसल 3 लाख 25 हजार 143 हैक्टेयर में बोया गया, लेकिन इस बारिश में बाजरा को भी भारी नुकसान हुआ है। इस कारण किसान चिंता में डूबे हुए हैं।
कम बुवाई वाली फसलों को कुछ फायदा
हालांकि इस बारिश से मूंगफली, ग्वार व अरण्डी जैसी फसलों को फायदा भी पहुंचा है, लेकिन खरीफ की सीजन में इनकी बुवाई का रकबा बिल्कुल कम रहता है। इस कारण अधिकांश किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ है। इधर, कांग्रेस नेता सवाराम पटेल ने आहोर क्षेत्र में बेमौसम हुई बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्र भेजा है। जिसमें बताया है कि सर्वे करवाकर व गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाय।
केंद्रीय दल भी पहुंचने की संभावना
इधर, जानकारी में सामने आया है कि केंद्रीय दल भी सूखा व प्रभावित इलाकों का दौरा करने आने वाले है। हालांकि सूखाग्रस्त तो जिले का कोई भी इलाका रहा नहीं है, लेकिन जरूरत के समय बारिश नहीं होने से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई और जो पककर तैयार हुई थी उन फसलों के दानों को बारिश ने बर्बाद कर दिया है। इस कारण किसानों को तो भारी नुकसान ही पहुंचा है।
इनका कहना है…
अगस्त महीने में बारिश के अंतराल से वर्षा आधारित फसलों मूंग, तिल, बाजरा प्रभावित हुई थी। अब बारिश होने से काफी नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन अभी करना है। जिन्होंने फसल बीमा करवा रखा है, वे एप व पोर्टल पर नुकसान की जानकारी दर्ज करवा लें।
– आरबी सिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि (विस्तार) , जालोर