- राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर
दिलीप डूडी, जालोर. विधानसभा चुनावों को लेकर घमासान जारी है। हर समाज अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने को आतुर है। इस बार भोमिया राजपूत समाज ने भी हुंकार भरी है। समाज का 17 सितंबर को रामसीन में सम्भाग स्तरीय महासम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। समाज के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि दोनों दलों में पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिया जाए, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। ऐसी स्थिति में दोनों बड़े दलों के लिए व्यवस्था को संतुलित करना भी मुश्किल होता जा रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कौनसा दल दांव खेलता है।
दो बार कांग्रेस दे चुकी है मौका
पाली सम्भाग में भोमिया राजपूत (काश्तकार राजपूत) काफी संख्या में है। कांग्रेस पार्टी इस समाज को दो बार मौका दे चुकी है। जिसमें एक बार जीत मिली। यहां से प्रेमसिंह दहिया एक बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। उसके बाद वर्ष 2013 में कांग्रेस ने उमसिंह राठौड़ को टिकट दिया, लेकिन राठौड़ हार गए। उसके बाद 2018 में उमसिंह की टिकट काटकर डॉ समरजीतसिंह को दे दी गई थी। ऐसे में समाज का मानना है कि उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। भोमिया राजपूत समाज के खीमसिंह, उमसिंह चांदराई, आमसिंह परिहार, भूरसिंह देवकी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर महासम्मेलन के उद्देश्य की जानकारी दी। साथ ही कहा कि उनका समाज भीनमाल, आहोर व सुमेरपुर से अपनी दावेदारी पेश कर रहा है, जो भी अनदेखी करेगा वो परिणाम भुगतेगा।
इस बार भाजपा भी कर रही है विचार
कांग्रेस ने तो इससे पहले टिकट दे दी, लेकिन भाजपा ने अभी तक मौका नहीं दिया था। सूत्रों के मुताबिक भीनमाल से विधायक पूराराम चौधरी को लगातार छह बार टिकट दिया गया। लगातार तीन बार से चौधरी यहां से विधायक बने है। इस बार पूराराम को पार्टी आराम देने की फिराक में है। इस कारण जो नए दावेदार है उनमें एक दावेदार भोमिया राजपूत समाज से भी है। हालांकि दावेदारों की सूची में तो सांवलाराम देवासी, पुखराज चौधरी, जामताराम पटेल, नरिंगाराम पटेल, नरसीराम चौधरी, रमेश पुरोहित समेत बड़ी संख्या में नेता है, लेकिन सभी समाजों को अन्य विधानसभा क्षेत्रों में उचित प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है, ऐसे में भीनमाल से भोमिया राजपूत समाज से दावेदारी जताने वाले टीकमसिंह राणावत की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। चूंकि भाजपा नए समाजों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने में माहिर है, इस कारण भीनमाल में नए बदलाव का प्रयोग कर सकती है, अगर भाजपा इस प्रकार का प्रयोग करती है तो निसंदेह अन्य सीटों पर भी फायदा मिलने की संभावना रहेगी।
भीनमाल में क्यों मजबूत है टीकमसिंह
जालोर जिले की पांचों विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो भीनमाल विधानसभा क्षेत्र में भोमिया राजपूत सबसे ज्यादा बाहुल्यता में है। कांग्रेस यहां पूर्व में टिकट देती आई है, भाजपा ने टिकट नहीं दिया। चूंकि इस समाज का अधिक झुकाव भाजपा की तरफ रहता है, जिस कारण वोटबैंक का फायदा भी मिलता रहा है। इस बार जुंजाणी मंडल के अध्यक्ष टीकमसिंह राणावत ने पिछले पांच सालों से यहां कड़ी मेहनत शुरू कर दी थी, पार्टी के सामने अपनी प्रबल दावेदारी भी पेश कर दी। अब देखना यह है कि पार्टी उन्हें कितना तवज्जो देगी।
ताकत दिखाने की क्यों पड़ रही जरूरत
सामाजिक सम्मेलन कर राजनीतिक ताकत का यूं तो हर समाज अपना अहसास करवाता है, लेकिन इस बार भोमिया राजपूत को भी यह कदम उठाना पड़ रहा है। भोमिया राजपूत समाजबंधुओं का कहना है कि भोमिया राजपूत समाज काश्तकार राजपूत समाज है। बाहुल्यता होने के बावजूद दोनों बड़े दलों की ओर से गम्भीरता से विचार नहीं किया जाता है। जिस कारण इस बार यह कदम उठाना पड़ रहा है।