- गोडीजी के रहने वाले नेने खान के तीनों बेटे शिक्षक बने
जालोर. जालोर शहर के गोडीजी के रहने वाले नेने खान के तीन बेटे है और तीनों शिक्षक बने है। हालांकि सबसे बड़े बेटे इकबाल खान का चयन 2018 में हो गया था, लेकिन दो बेटों का हाल ही में जारी हुए परिणाम में चयन हुआ है। तीनों भाइयों का संदेश एक ही है कि वर्तमान युग में शिक्षा से बड़ी कोई ताकत नहीं है। भले एक रोटी कम खाएं, लेकिन बच्चों को जरूर पढ़ाएं।
सुतर सवार नेने खान ने शिक्षा से नहीं तोड़ा नाता
गोडीजी निवासी नेने खान जालोर तहसील में सुतर सवार थे, जो हालिया वर्षों में सेवानिवृत्त हुए हैं। इनके पिता भी यहां सुतर सवार रहे हैं, मूलतः फुलासर (जैसलमेर) के रहने वाले इस नेने खान के पिता की ड्यूटी यहां होने से वे भी यहां नौकरी लग गए। बाद में इन्होंने अपने तीन बेटों को पढ़ाई से दूरी नहीं बनाने दी। आज इनके तीनों बेटे शिक्षक बन गए हैं। इसलिए परिवार में खुशी का माहौल है।
दो बेटों का शिक्षक में एक साथ हुआ चयन
नेने खान के बड़े बेटे इकबाल खान का 2018 में शिक्षक भर्ती परीक्षा में चयन हो गया था। भाई की सफलता देख छोटे दोनों भाइयों सिकन्दर खान व असलम खान ने भी तैयारी जारी रखी। नतीजा यह रहा कि हाल ही में जारी परीक्षा परिणाम में सिकन्दर खान का शिक्षक लेवल प्रथम व असलम खान का लेवल द्वितीय में चयन हो गया है। तीनों के शिक्षक बनने से परिजन व समाजबंधुओं में खुशी का माहौल है।
इनका कहना…
घर में शिक्षा का माहौल मिल गया था, बस हमको कायम रखने के लिए मेहनत की जरूरत थी। जिसे हमने जारी रखी। पहले मेरा शिक्षक भर्ती परीक्षा में चयन हुआ तो दोनों ने भी जारी रखा। इस बार दोनों का भी चयन हो गया है। हमारा एक ही सन्देश है कि वर्तमान में शिक्षा के बिना कुछ भी नहीं है, अगर कोई अपनी शिक्षा पूरी कर लेगा तो भले ही सरकारी नौकरी नहीं लगे तो भी वह अपना जीवनयापन करने के लिए स्वावलंबी तरीके से सक्षम होगा। इसलिए बच्चों को पढ़ाने में कमी नहीं रखनी चाहिए।
- इकबाल खान, शिक्षक