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व्यक्ति समाज और राष्ट्र के प्रति गंभीर अवलोकन विश्लेषण और चिंतन का समाहार है ‘अपनेपन का भान चाहिए‘ – व्यास

  • अपनेपन का भान चाहिए पुस्तक के आवरण पोस्टर का विमोचन, राजस्थान साहित्य अकादमी ने पुस्तक को प्रकाशन के लिए चयनित किया है

जालोर. नगर के सिरे मंदिर रोड स्थित एक निजी विद्यालय में युवा शिक्षाविद संदीप जोशी द्वारा लिखित पुस्तक ‘अपनेपन का भान चाहिए‘ के आवरण के पोस्टर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश सोलंकी उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य नितिन ठाकुर ने की।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ हरिदास व्यास ने जालोर के लेखक जोशी की पुस्तक की फ्लैप भूमिका लिखते हुए कहा कि व्यक्ति समाज और राष्ट्र के प्रति गंभीर अवलोकन विश्लेषण और चिंतन का समाहार है ‘अपनेपन का भान चाहिए‘। उन्होंने कहा कि लेखक जोशी इसलिए भी बधाई के पात्र हैं क्योंकि इस दौर के संक्रमण काल में फैली हुई नकारात्मकता को वह भली-भांति जानकर उसके निराकरण के प्रति अत्यंत सजग हैं। वह आम लोगों को भी इस नकारात्मकता के विरुद्ध लड़ने के लिए ऐसे छोटे-छोटे उपायों, तरीकों से अवगत करवाते हैं जिन्हें आम आदमी सहज रूप से संपन्न कर सकता है। लेखक ने अपने आसपास के लेकर राष्ट्रीय परिदृश्य की घटनाओं, स्थितियों पर प्रशंसनीय स्तर का विचार किया है, विमर्श किया है।

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राजस्थान लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य एव कुलपति परमेन्द्र कुमार दशोरा ने पुस्तक की फ्लैप भूमिका लिखते हुए कहा कि पुस्तक अपनेपन का भान चाहिए’ में विषयों के चयन में राष्ट्रीयता, सामाजिकता, ग्राम विकास, संस्कृति, कला, पर्यावरण इत्यादि विविध पहलुओं को छूने वाले आलेख हैं। इन आलेखों की खूबी है कि यह बहुत लंबे नहीं हैं किन्तु विषय पर आवश्यक चिंतन करने लायक सामग्री बड़ी सरल व सुबोध भाषा में प्रस्तुत करते हैं। आलेखों में समस्याएँ बतलाई हैं तो समाधान भी सुझाए हैं। युवा लेखक संदीप जोशी के निबंध निस्संदेह न केवल युवाओं में अपितु समाज के विभिन्न वर्गों में वैचारिक तरंगें उत्पन्न कर नए-नए विचारों के सृजन में सहायक होंगे, ऐसा पूर्ण विश्वास है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश सोलंकी ने कहा कि लेखक संदीप जोशी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मनुष्य और समाज लगता है अतः उनके चिंतन के भी यही दो केंद्र हैं।उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत के बारे में उनके ये विवेचन अत्यंत उच्च स्तरीय हैं। किशोर सिंह राजपुरोहित एवं प्रधानाचार्य नितिन ठाकुर ने पुस्तक समीक्षात्मक वाचन किया।

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आवरण पोस्टर विमोचन कार्यक्रम में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रेमसिंह राठौड़, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद दवे, मारवाड़ी युवा मंच के सचिव भरत गोयल, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के किशोरसिंह राजपुरोहित, अधिवक्ता परिषद के अश्विन राजपुरोहित, संस्कृति शोध परिषद के गजेंद्रसिंह सिसोदिया सहित विभिन्न गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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राजस्थान साहित्य अकादमी ने प्रकाशित की पुस्तक

जालोर के लेखक संदीप जोशी की पुस्तक ‘अपनेपन का भान चाहिए‘ का प्रकाशन राजस्थान साहित्य अकादमी ने किया है। पुस्तक की भूमिका विख्यात राष्ट्रीय साहित्यकार आशा ओझा पांडे ने लिखी है। लेखक जोशी द्वारा विभिन्न विषयों पर लिखे गए करीब 25 आलेखों को शामिल करते हुए पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। लेखक संदीप जोशी की यह चौथी पुस्तक है- जालौर के युवा शिक्षाविद संदीप जोशी इससे पहले सिंह गर्जना, सबके नाथ जी एवं दिया जलाना कहां मना है शीर्षक से तीन पुस्तक लिख चुके हैं। उनके गुजराती से हिंदी में एक अनुवाद ग्रंथ भी प्रकाशित हुए हैं।

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आवरण विमोचन के दौरान सभी वक्ताओं और उपस्थित अतिथियों ने साहित्य अकादमी द्वारा जालोर के लेखक की पुस्तक का प्रकाशन करने को जालोर के लिए गर्व की बात बताया तथा लेखक को शुभकामानाएं दीं।

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