जालोर. माही बेसिन से सिंचाई व पेयजल के लिए जल उपलब्ध करवाने को लेकर चल रही माही जलक्रांति यात्रा बुधवार को जालोर के रामसीन गांव रवाना होकर से सिकवाड़ा, चंदवा, तातोल, जसवंतपुरा, मुन्थला काबा, तेलवाड़ा, तवाव आदि गांवों में ग्रामसभाएं करती हुई गुजरी।
गांव जसवंतपुरा में बड़ी संख्या में राजेश्वर पब्लिक स्कूल के बच्चों ने जमकर स्वागत किया व व्यापारियों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। जसवंतपुरा के उनाराम माली, मोडाराम प्रजापत, मोहनलाल जैन, धन्नाराम प्रजापत, कपूराराम प्रजापत, जसवंत प्रजापत, वजाराम माली, गणपतलाल रावल, केवाराम लोहार, दिनेश सेन, प्रवीण राव, मुकेश प्रजापत, अनिल राठी, हरि बाबू, आसु महाराज, लाखा राम भील, फुला राम मेघवाल, भरत प्रजापत, मनीष सोनी, सुरेश पुरोहित, भरत सुथार, चम्पालाल राव, जीतपुरा के राण सिंह परमार, भबूत सिंह, जीवसिंह, भोपाल सिंह, राम सिंह परमार, आसूसिंह,बउचमत के लाखाराम चौधरी, हरिसिंह, दलपतसिंह, गोलाणा से रावताराम चौधरी, वीराराम मेघवाल,
फेदानी से मुरारदान, उमराव सिंह, महेंद्र सिंह, अमृत भाई दांतराई, गोविन्द लाल पादर एवं मातृ शक्ति सहित बड़ी संख्या में लोगों ने स्वागत किया। इस सभा में राजस्थान किसान संघर्ष समिति के संयोजक विक्रम सिंह पुनासा ने कहा कि देश आजाद हो गया, लेकिन हमें अभी भी आजादी नहीं मिली। हमें बिजली, शिक्षा, रोटी, कपड़ा और पानी के लिए सड़कों पर आंदोलन करना पड़ रहा है। जालोर, सिरोही व बाड़मेर कृषि पर निर्भर जिले है,उपजाऊ जमीनें है, लेकिन किसान को सिंचाई को छोड़कर पीने का पानी भी खरीद कर टैंकर डलवाने पड़ रहे है। बेसकीमती माही बेसिन का पानी समुन्द्र में मिलकर खराब हो रहा है और देश में धर्म,जाति के नाम पर चुनाव लड़े जा रहे है।
समिति के अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने कहा कि राजस्थान किसान संघर्ष समिति ने एक दशक से नहरों को लाने के लिए संघर्ष कर रहा है इसको लेकर गांवों से लेकर जिला मुख्यालय, विधानसभा से संसद तक,सरपंचो से लेकर मुख्यमंत्री तक हमने इस मुद्दे के लिए अपील की है। हम आपको चेतावनी वाले बोर्ड व संकल्प पत्र देकर जा रहे है। सचिव गेमर सिंह कोट ने अपील करते हुए कहा कि नेताओं को साफा व माला पहनाना बन्द करो। जो नेता गांवो में वोट मांगने आये उन्हें आप ये कहे कि जो माही का पानी लाएगा, वोट उन्ही को जाएगा। इस दौरान इन्होंने लोगो को इस आंदोलन से बढ़चढ़ जुड़ने की अपील की।
गांव में जसवंतपुरा में हुई जनसभा में युवा मोर्चा अध्यक्ष जयन्त मूंड ने कहा कि यदि आज किसान व नौजवान माही बेसिन जल के लिए चल रहे आंदोलन में नहीं जुड़े तो आगे से कोई भी संगठन आपके लिए आंदोलन नहीं करेगा। जब चांद पर पानी की खोज के लिए हजारों करोड़ खर्च करके चन्द्रयान भेजे जा सकते है तो पड़ोसी गुजरात के बॉर्डर का कीमती पानी खेतों में क्यों नही आ सकता। राजनीतिक दल हमें कमजोर कर रहे है,मुद्दों की राजनीति नहीं करते।
इस दौरान उपाध्यक्ष हुकुम सिंह धानसा,रुपसिंह विशाल आदि ने भी संबोधित किया। देलवाड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच नानजी देवासी ने यात्रा का सैकड़ो ग्रामीणों के साथ स्वागत किया व अपील करते हुए कहा कि क्षेत्र पानी की समस्या से जूझ रहा है,सरकार को इसको लेकर जल्द बड़ा कदम उठाना चाहिए।