- 19 दिन में सिरोही, जालोर व बालोतरा जिलों की तहसीलों से गुजरेगी यात्रा
जालोर. लंबे समय से माही बेसिन को सिंचाई व पेयजल के लिए उपलब्ध करवाने की मांग चल रही है। राजस्थान किसान संघर्ष समिति ने इस आंदोलन को गति देने के लिए माही जलक्रांति यात्रा का सोमवार को आगाज किया है।
जालोर के नरपुरा गांव के करणी धाम मंदिर से हजारों किसानों के साथ माही जलक्रांति यात्रा का आगाज हुआ है, जिसको गोल महंत आशा भारती ने माही रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और करणी माताजी की पूजा अर्चना के साथ नारेबाजी की गई। राजस्थान किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने बताया कि माही जलक्रांति यात्रा नरपुरा से रवाना होकर नून, सांथू,बागरा,आकोली,सियाणा, रायपुरिया,वराड़ा, बरलूट,जावाल होते हुए सिरोही जिले में रात को प्रवेश करेगी। यात्रा के दौरान हम ग्राम सभाओं के माध्यम से जनता को जाग्रत कर रहे है और गांवो के लोगों को बोर्ड दे रहे है कि चुनावी साल में जो नेता माही बेसिन के पानी की बात करता है और संकल्प पत्र भरके देता है उसको ही गांव में घुसने दो अन्यथा गांवो में घुसने मत दीजिए।
राजस्थान किसान संघर्ष समिति के सचिव घिमरसिंह ने बताया कि यात्रा 19 दिन में तीनों जिलों को हर तहसील में जाएगी। माही जलक्रांति यात्रा का नेतृत्व कर रहे प्रदेश संयोजक विक्रमसिंह पुनासा व सहसंयोजक सुरेश व्यास ने बताया कि माही बेसिन के जल को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाने के लिए हम 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे है और उच्च न्यायालय में रिट दायर करने के बाद राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर डीपीआर की मंजूरी दे दी है। अब हम गांव-गांव जाकर जनता को जागृत कर रहे है और इस बार वोट माही बेसिन जल के मुद्दे पर ही जायेगा ये संकल्प करवा रहे है।
युवा मोर्चा अध्यक्ष जयन्त मूंड ने बताया कि पिछले 01 महीने से गांव गांव घूमकर इस यात्रा का न्यौता 03 जिलों के प्रत्येक गांव में दिया है। तीनों जिलों के वासी सिंचाई व पेयजल की भयंकर किल्लत से जूझ रहे है। पानी की कमी के कारण रोजगार की तलाश में पलायन हो रहा है। माही बेसिन के हक के पानी के लिए हम यात्रा कर रहे है।
यात्रा में प्रदेश उपाध्यक्ष शिवनाथ सिंह,मोडाराम देवासी,भैरुपाल सिंह दासपा,सायला प्रभारी छैल सिंह,बलवंत सिंह,आहोर प्रभारी करण सिंह थांवला,प्रताप आंजना,बागोरा प्रभारी मानाराम पुरोहित,चक्रवर्ती सिंह,जसवंतपुरा प्रभारी सबलाराम,पांचाराम,भीनमाल नरेन्द्र सिंह,श्रवण सिंह दासपा,दललत सिंह थलवाड़, हुकुम सिंह सांथू,भगवंत सिंह नूंन,रामकिशन,भागीरथ,सोहिनी देवी इत्यादि बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।