जालोर. सांसद देवजी पटेल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः पत्र भेजकर जवाई बांध के गेट खोलने की मांग की है। पत्र में बताया कि जवाई बांध में पानी की निरंतर आवक को देखते हुए समय पर जवाई बांध के गेट खोलकर जवाई नदी को पुनर्जीवित करने किया जाए। अन्यथा एक साथ जवाई बांध के गेट खोलना बहाव क्षेत्र के आस-पास के क्षेत्रों के लिए बनेगा आफत का कारण हो सकता है भारी नुकसान।

सांसद पटेल ने पत्र में बताया कि पाली जिले में स्थित मारवाड़ का अमृत सरोवर जवाई बांध क्षेत्र में लोगों के पेयजल एवं किसानों के सिंचाई का मुख्य स्रोत है। इस वर्ष बिपरजॉय चक्रवात के दौरान जून, 2023 में भारी बारिश सहित इस वर्ष मानसून लगातार वर्षा के कारण बांध में अच्छी मात्रा में पानी की आवक हुई है। पूर्व में बांध की पूर्ण भराव क्षमता पर एक साथ जवाई नदी में पानी छोड़ा जाता था, जिससे क्षेत्र के किसानों को फायदा नहीं होने के बजाय एक साथ नदी में ज्यादा वेग के साथ पानी बहने से बहाव क्षेत्र के आस-पास कृषि उपजाऊ भूमि के कटाव सहित अन्य नुकसान होता है।
सांसद पटेल ने बताया कि वर्तमान में बांध लगभग भराव क्षमता के करीब है, इसलिए समय पर गेट खोल कर जवाई नदी को पुनर्जीवित किया जा सकता है। जिससे नदी के प्रभावित एरिया सहित आसपास के विस्तृत क्षेत्र में जल स्तर ऊपर उठेगा, किसानों के कुए एवं बोरवेल रिचार्ज होंगे, जिससे किसान अच्छी पैदावार ले पायेंगे।
इस संबंध में स्थानीय किसान प्रतिनिधियों, प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों की संयुक्त समिति के माध्यम से जवाई बांध की एक निश्चित भराव क्षमता (निर्धारित फीट) पर पानी नदी में छोड़ने का अनुरोध किया था। जिससे बांध को नुकसान न हो, किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि को भी नुकसान न हो तथा नदी के आसपास के किसानों को भी नदी के पानी से फायदा हों।

पटेल ने कहा कि पूर्व पत्र के संबंध में किसी प्रकार की कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई, 11 जुलाई को जवाई बांध का गेज 48.85 फुट था, जो वर्तमान में गेज 55.70 फुट हो गया है, क्षेत्र के किसानों को डर है कि इस बार भी कहीं हमें बाढ की मार नहीं झेलनी पड़े। समय रहते इस पर उचित निर्णय नहीं लिया गया तथा पूर्ण भराव क्षमता पर सभी गेट एक साथ खोले गये तो पूर्व की तरह इस बार भी बहाव क्षेत्र के आस-पास के क्षेत्र में भारी नुकसान होने की आशंका है।
सांसद ने कहा कि इस विषय पर अतिशीघ्र निर्णय लेते हुए जवाई बांध के गेट खोल कर जवाई नदी को पुनर्जीवित करने के साथ ही बहाव क्षेत्र के आस-पास के किसानों को इस भय से राहत प्रदान करावें।
