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माही का पानी लाने को लेकर डीपीआर बनाने के निर्देश, संघर्ष समिति ने जताया आभार

जालोर. जालौर, बाड़मेर और सिरोही जिले में माही के पानी को लेकर चल रहे प्रयासों के बीच एक बड़ी खबर आई है। इसमें राज्य सरकार ने माही का पानी लाने के लिए डीपीआर बनाने का निर्देश जारी किये है। इस संबंध में शनिवार को राजस्थान किसान संघर्ष समिति ने प्रेस वार्ता कर सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया है। संघर्ष समिति के संयोजक विक्रमसिंह पुनासा ने बताया कि जालौर पश्चिमी राजस्थान के जिलों में सिंचाई व पेयजल के लिए माही बेसिन जल को लेकर चल रहे आंदोलन को एक बड़ी जीत मिली है।

राजस्थान किसान संघर्ष समिति की जनहित याचिका के बाद व उच्च न्यायालय जोधपुर के आदेश के बाद मुख्यमंत्री बजट घोषणा में डब्ल्यूआरसीपी के लिए डीपीआर बनाने की घोषणा की थी व समिति बनाने के आदेश पारित हुए थे। जिसमें राजस्थान किसान संघर्ष समिति के संयोजक विक्रमसिंह पुनासा व केसरसिंह सिवाना को सदस्य मनोनीत किया गया था। राजस्थान किसान संघर्ष समिति ने प्रेस वार्ता कर बताया कि इस डब्ल्यूआरसीपी को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने चीफ इंजीनियर विनोद चौधरी से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मांगी है और साथ ही आदेश दिए हैं कि जल्द से जल्द डीपीआर की रिपोर्ट राज्य सरकार के समक्ष रखी जाए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संगठन पदाधिकारियों से मुलाकात कर किसान संगठन से इसको लेकर सुझाव मांगे है।

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इस अवसर पर किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने खुशी व्यक्त करते हुए संयोजक विक्रमसिंह ने कहा कि इस आंदोलन की दूसरी बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की शुरुआत 2008 में भीनमाल के शिवराज स्टेडियम में 50 हजार लोगों की बड़ी जनसभा के साथ की थी। उसके बाद सुराज संकल्प यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जालौर जिले के दौरे पर थीं, तब समिति के अनुरोध पर 20 हजार किसानों के बीच मंच पर आकर इस मुद्दे को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया एवं पूर्व मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर मुद्दे को हवा हवाई कर दिया। इसके बाद समिति ने जनहित याचिका लगाकर अपील की जिसके बाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उम्मीद जगी है।

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उन्होंने बताया कि इसमें सबसे बड़ा सहयोग जागृत किसान व मीडिया के बंधुओं का है। जिन्होंने इस प्रयास को आवाज को बुलंद किया। समिति के अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने बताया कि पेयजल व सिंचाई के लिए माही जल उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने सड़क से लेकर संसद, न्यायालय से लेकर विधानसभा तक लगातार संघर्ष किया है। इसको लेकर राज्य सरकार ने बजट घोषणा में डीपीआर बनाने के निर्देश देकर बड़ी उम्मीद किसानों को दी है इसको लेकर उन्होंने राज्य सरकार का भी धन्यवाद ज्ञापित किया है। युवा मोर्चा अध्यक्ष जयंत मूढ़ ने कहा कि राजस्थान किसान संघर्ष समिति ने मजबूती के साथ अथक प्रयासों व सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त सबूतों के आधार पर इस आंदोलन को लड़ा है और जब तक खेत को पानी नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन को जारी रखेंगे। समिति के कोषाध्यक्ष सुरेश व्यास, सायला तहसील अध्यक्ष बलवंत सिंह, युवा मोर्चा संयोजक भैरोपालसिंह दासपां, बागोड़ा तहसील अध्यक्ष मोडाराम देवासी, हुकुमसिंह धानसा, समिति के उपाध्यक्ष शिवनाथ सिंह आदि मौजूद थे।

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