DDT News
कविता

मैं खुद के लिए काफी हूं

मैं खुद के लिए काफी हूं,
नहीं चाहिए मुझे,
किसी की दोस्ती,
किसी का प्यार,
नहीं चाहिए मुझे,
किसी की हमदर्दी,
किसी का साथ,
मुझे तो बस चाहिए,
एक पंख जो ले जाए,
मुझे मेरे सपनों के संग,
जिसे देख दुनिया रह जाए दंग

मैं खुद के लिए काफी हूं,
फर्क नहीं पड़ता मुझे,
लोगों के तानों का,
उनकी बातों का,
मुझे फर्क पड़ता है,
मेरे सुनहरे सपनों का,
मुझसे दूर जाने का,

Advertisement

मैं खुद के लिए काफी हूं,
नहीं चाहिए मुझे माता-पिता,
और भाई से बहुत सारे पैसे,
मुझे तो चाहिए बस इतना कि,
वे रखें मेरे सर पर हाथ,
और रहें हरदम मेरे साथ,
उन सपनों को पाने तक,

लक्ष्यों को भेद जाने तक।।

प्रियंका साहू

मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार

चरखा फीचर
Advertisement

Related posts

आंगन की कलियां

ddtnews

कविताएं (सुकून से भरा है जहां / क्यों करते है वो ऐसा?)

ddtnews

बूंद-बूंद पानी का

ddtnews

जब लड़की पढ़ेगी

ddtnews

Leave a Comment