जालोर. बिपरजॉय तूफान के बाद अब मंजर सामने आने लगे हैं। जालौर से सामतीपुरा जाने वाले रास्ते पर स्थित छोटी नदी का पुलिया बारिश के दौरान तेज पानी के वेग के चलते टूट गया था, पुलिया का एक हिस्सा बड़ी गहराई तक टूटा हुआ है। जिस कारण आसपास के 5-7 गांवों का आवागमन इस रास्ते से बाधित है। उन्हें दूसरे गांव से होते हुए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, नदी में पानी का बहाव कम होने के बाद अब यहां का मंजर सामने आने लगा है।
दरअसल, इस रास्ते पर पूर्व में रपट ही थी, लेकिन वर्ष 2017 की बारिश के दौरान यह रपट टूट गई थी, कई दिनों तक मार्ग अवरुद्ध था। उसके बाद में जब पुलिया की मरम्मत का निर्माण हुआ तो यहां पर पुलिया के नीचे निकासी के लिए पानी के पाइप लगाए गए, ताकि बारिश के दौरान रास्ता अवरुद्ध ना हो और पानी नदी में चलता रहे, लेकिन इस बार भी बिपरजॉय तूफान के दौरान जिस प्रकार से बारिश हुई, उस बारिश में पानी की तेज गति के कारण नदी में खड़े बबूल भी उखड़कर पानी के साथ साथ पाइपों के अंदर फस गए, जिस कारण पानी तेजी से नदी के ऊपर से भी चला और नदी के दोनों सिरों में पानी के तेज बहाव के चलते कटाव हो गया। सम्भवतया माना जा रहा है कि नदियों में खड़े बबूल मनरेगा के तहत कटवाई करवा दिए जाते तो इस प्रकार की परिस्थितियों से कुछ बचाव सम्भव था। यहां पानी के वेग साथ झाड़ियां होने से यहां विद्युत लाइन भी टूट गई थी। पानी की पाइप लाइन टूट गई और किनारों पर गहरी खाई बन गई।
इस कारण सामतीपुरा, सरूपुरा, बोकड़ा, देसू समेत आसपास के 5 से 7 गांवों का आवागमन इस रास्ते से बंद हो गया। हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जालोर दौरे के दौरान यह तय किया गया कि जहां-जहां आपदा की स्थिति गहरी है, वहां वहां तत्काल प्रभाव से प्राथमिकता से काम करते हुए समस्याएं दुरुस्त की जाए। इसी के चलते अब रामपुरा मार्ग के मरम्मत का काम तेजी से शुरू किया गया है। ताकि लोगों को आवागमन में दिक्कत नहीं हो, क्योंकि मानसून की बारिश आने वाली है। इसलिए लंबे समय तक लोगों को परेशानी से बचाने के लिए काम में तेजी लाई जा रही है।