आंगन की कलियां
चाहे फूलों से कितनी भी महक क्यों न आती हो,
एक मीठी सी मुस्कान है बेटी,
बेटी खुद को दिया वो तोहफा है,
जो सौभाग्य से पैदा होती है,
जो मां की परछाई और पिता का ख्वाब होती है,
खिलती हुई कलियाँ है बेटियां,
जो जिंदगी की असली महक होती है,
मां बाप के आह पर रोती है,
इस दुनिया में सबसे प्यारी एक बेटी होती है।।
चरखा फीचर
आंगन प्यारा
आंगन हमारा सबसे प्यारा,
खूब खेले और मस्ती करें,
छोटे बच्चे नन्हे मुन्ने,
आओ सब खेले खेल,
आंगन हमारा सबसे प्यारा,
मस्ती में है सब प्यारे,
आओ कुछ खेल खेले,
हंसती प्यारी बच्ची छोटी,
आंगन में खूब खिलखिलाती,
आंगन हमारा सबसे प्यारा,
खूब खेले खूब लड़ें,
आओ हम भी मस्ती करें,
आंगन हमारा सबसे प्यारा।।
चरखा फीचर
डिजिटल उड़ान
तकनीकी युग पर लोगों की सोच पुरानी,
कहते हैं महिला मशीनों से डरती है,
क्योंकि वह जानकार नहीं, समझदार नहीं
मशीनरी दुकानों पर भी पुरुषों का राज है,
महिलाओं का दिमाग घुटनों में है,
इस कहावत पर करते वो नाज हैं,
शरीर के साथ -साथ मशीन की भी संरचना,
जेंडर में बांट दी गई है आज,
महिला स्कूटी वाहिका और पुरुषों की मोटर कार,
बदलाव के वाद-विवाद होते रहते है हर बार,
समानता से अधिक समता की जरूरत है,
पता नहीं कब समझेगा ये समाज,
डरती नहीं मैं बिजली की तारों से,
तकनीकी शिक्षा दें रहीं है मेरा साथ,
निडरता से चलाती हूं कंप्यूटर हो या हवाई जहाज,
समुद्र की गहराइयों सी जानकारी है मेरी,
विचार मेरे छूते आसमान,
बांध नहीं पाएगा अब कोई बंधन मुझको,
उड़ जाऊंगी हर पिंजरा तोड़ कर,
डिजिटल पंख है मेरे पास
डिजिटल उड़ान है मेरे पास।
चरखा फीचर