- जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक सम्पन्न
जालोर . जल जीवन मिशन के तहत जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की 22वीं बैठक जिला कलक्टर निशांत जैन की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।
बैठक में जिला कलक्टर निशान्त जैन ने ओटीएमपी एवं नर्मदा पेयजल परियोजना के चारों प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि जो फर्म निश्चित समय पर पूरा काम नहीं कर पा रही हैं, उस पर शास्ति लगाकर कार्यो में गति लाई जावें उसके पश्चात् भी यदि फर्म द्वारा नियत समय पर कार्य पूर्ण नहीं किया जावें तो संबंधित फर्म के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें।की जावें।
उन्होंने कहा कि जिले में जहाँ प्रस्तावित पानी की टंकियाँ नहीं बन पाई हैं, उन गांवों में सीधे पेयजल सप्लाई करने की योजना बनाकर जनता को पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्र व ग्राम पंचायत भवनों में प्राथमिकता के साथ नल कनेक्शन जोड़ने के निर्देश दिए साथ ही ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के शेष समस्त प्रशिक्षण कार्ययोजना बनाकर शीघ्र पूर्ण करने की बात कही।
जिला कलक्टर ने जिन गाँवों व क्षेत्रों में पानी की समस्या हैं, वहाँ पर टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें साथ ही टैंकरों द्वारा पेयजल आपूर्ति के बकाया राशि का भुगतान को शीघ्र ही करने के निर्देश दिए।
बैठक में पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता ताराचंद कुलदीप ने जिले में जल जीवन मिशन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिले में नर्मदा परियोजना के डीआर, ईआर, सीलू जैसला भाटकी तथा ओटीएमपी योजनाओं के कुल 381005 घरों में नल कनेक्शन की तुलना में जल जीवन मिशन के पूर्व तक 66732 नल कनेक्शन जोड़े जा चुके हैं तथा शेष 314273 कनेक्शनों की प्रति माह तय लक्ष्यों की तुलना में संवेदकों द्वारा कार्य धीमी गति से होने के कारण सीलू जैसला भाटकी प्रोजेक्ट में 77 लाख की शास्ति लगाई गई है। एफ. आर प्रोजेक्ट में दिनॉक 5 मई, 2023 को पुनः निविदा आंमत्रित की गई है। मुख्य अभियंता परियोजना जोधपुर के स्तर से प्री क्वालिफाईड बिड खोली जाएगी। ओटीएमपी में 22 गांवां में से 19 गांवो में भौतिक कार्य पूर्ण हो चुका हैं तथा आहोर, चौराउ एवं सेवडी के रिवाईज्ड टेंडर प्रक्रियाधीन हैं इनकी संशोधित स्वीकृति के लिए प्रस्ताव सक्षम स्तर पर प्रस्तुत किये गये हैं।
पेयजल कन्टीजेन्सी प्लान की हुई समीक्षा कर दिए दिशा-निर्देश
जिला कलक्टर निशान्त जैन ने पेयजल कन्टीजेन्सी प्लान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंता संबंधित उपखण्ड अधिकारी के सम्पर्क में रहने के साथ ही गांवों व क्षेत्रों का दौरा कर पेयजल समस्या का स्वयं संज्ञान लेते हुए उनका त्वरित समाधान करें। उन्होंने जिले में स्थापित 1173 हेण्डपम्पों का सर्वे करवाने के साथ ही खराब पड़े हैण्डपंपों की मरम्मत करवाकर पुनः चालू करवाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग के साथ समन्वय कर नये खोदे गये ट्यूबवेलां पर त्वरित रूप से विद्युत कनेक्शन जुड़वाना सुनिश्चित करें ताकि इनसे पानी की सप्लाई हो सकें। उन्होंने जिले में अवैध कनेक्शनों के कारण पेयजल सप्लाई में आ रही समस्या पर निर्देश देते हुए कहा कि अभियंता अपने क्षेत्र के पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी व पटवारी के साथ मिलकर सर्वे कर अवैध कनेक्शन काटने की कार्यवाही कर पेयजल आपूर्ति निर्बाध रूप से सुचारू करें साथ ही तय समय पर जीएलआर व एसआर की सफाई करावे।
पेयजल कन्टीजेन्सी प्लान की जानकारी देते हुए पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता ताराचंद कुलदीप ने बताया कि जिले के 793 गांव में से 481 गांवों को नर्मदा नहर से लाभांवित किया जा चुका हैं तथ शेष 312 गांवां में से 175 गांव ग्रीष्म ऋतु में आंशिक रूप से प्रभावित हो सकते है। इसके लिए विभाग द्वारा योजना तैयार की गई है। जालोर शहर एवं भीनमाल शहर में टैंकरों के माध्यम से जल परिवहन के लिए 13.64 लाख की स्वीकृति जारी की है। जिले के 121 गांव एवं 261 ढाणियां में टेंकरो के माध्यम से जल परिवहन के लिए 255 लाख की स्वीकृति जारी की जा चुकी हैं। 6 मई से जल परिवहन का कार्य किया जा चुका है। वर्तमान में 34 गांव 99 ढाणियों में टेंकरों के माध्यम से जल परिवहन किया जा रहा है।
बैठक में आईडब्ल्यूएमपी के अधीक्षण अभियंता अरूण कुमार आमेटा, डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता महेश कुमार व्यास, वन विभाग से प्रकाश कुमार, सीएमएचओ डॉ रमाशंकर भारती, जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अधिकारी सुनील रतनानी, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.आर.बी.सिंह, कनिष्ठ भूजल वैज्ञानिक गणपतलाल सहित पीएचईडी के अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता उपस्थित रहे।