जालोर. तीन बार असफल होने के बाद भी हिम्मत व हौसला बनाये रखने वाली डिम्पल चौहान ने चौथे प्रयास में सफलता पा ली है। यूपीएससी के परिणाम में डिम्पल का 878 वीं रैंक पर चयन हुआ है। उच्च प्राथमिक शिक्षा जालौर से प्राप्त करने वाली डिंपल चौहान का यह चौथा प्रयास था और इससे पहले वह तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुकी थी, लेकिन वह फेल हो गई थी। चौथी बार के प्रयास में वह इंटरव्यू में पहुंची और इस बार 878 रैंक पर पर चयन हुआ है।
डिंपल खुद पढ़ाई करने के साथ-साथ दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं को कोचिंग दे रही थी। डिंपल के पिता डॉ रमेश चौहान मूलतः बीकानेर के रहने वाले हैं, लेकिन चिकित्सा सेवा में आने के बाद 1991 के बाद जालौर में ही सेवा दे रहे थे, करीब 3 साल पहले डिप्टी कंट्रोलर पद से रिटायर हुए थे। डिम्पल की माता सरोज चौहान भी शिक्षिका है। चौहान ने बताया कि डिंपल की उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा जालौर स्कूल में हुई। उसके बाद दसवीं तक की पढ़ाई उदयपुर में और सीनियर की पढ़ाई के लिए कोटा में चली गई। डिंपल ने आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक किया है। इंजीनियरिंग करने के बाद डिंपल ने यूपीएससी में जाने का अपना लक्ष्य बना लिया था, तीन बार प्रयास करने के बाद भी चयन नहीं हुआ तो उन्होंने वहां सिविल सर्विस के लिए तैयारी कराने वाली कोचिंग में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी। साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखीं। चौथे प्रयास में डिंपल ने 878 वीं रेंक पर सफलता हासिल की है। डिंपल की इस सफलता से डिंपल के परिवार के साथ साथ जानकारों में खुशी का माहौल है।