रामसीन (जालोर). जिले के रामसीन कस्बे में पिछले लम्बे समय से पेयजल सप्लाई नहीं होने से ग्रामीणों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते कस्बे के ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं हो रहा है। कॉलोनियों में करीब पांच दिन गुजर जाने के बाद भी पेयजल की सप्लाई नहीं होने से स्थानीय लोगों को इस गर्मी में दुगुने पैसे देकर पानी के टैंकर डलवाने पड़ रहें है।
विभाग के अधिकारियों से बात करने पर एक ही रटा रटाया जवाब बिजली गुल होना या लीकेज का हवाला दिया जाता है। जबकि विभाग के इस कार्य के लिए ठेकदार और तकनीकी टीम की जिम्मेदारी दी गई। ऐसे में इस गर्मी के दौर में समय पर ठीक करना तो दूर उल्टा करीब 7 से 10 दिन तक भी पेयजल सप्लाई सूचारु रुप से कार्य करवाने में विफल है। इसके चलते कई परिवारों के लिए इस गर्मी के दौर में पेयजल के लिए अतिरिक्त स्रोत नहीं होने से खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार जलदाय विभाग के सहायक अभियंता से मिलकर समस्या बताई है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। पीने के लिए पानी के टैंकर डलवाने पड़ते है, पानी की आपूर्ति कम होने के कारण पशुओं के लिए भी पानी की पूरी व्यवस्था नहीं हो पाती। महीने में कई बार तो पीने के लिए पानी के टैंकर डलवाने पड़ते हैं।
कस्बे में स्थिम हैंडपंप सहित कुओं व सार्वजनिक टंकी पर महिलाएं पानी भरने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगी हुई हैं।पिछले कई वर्षों से पानी की समस्या को लेकर अपनी ही बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. कोई सुध नहीं लेता। ऐसे में अब हालात भगवान भरोसे ही है।
इनका कहना है…
गर्मी के दौर के साथ ही पेयजल की सप्लाई डगमगा जाती है। विभाग हमेशा किसी मोटर की खराबी या पाइप लाइन लीकेज होने के बारे में बताते है, लेकिन इस कार्य के लिए ठेकेदार जिम्मेदार है। ऐसे में समय पर कार्य नहीं होने पर ठेकेदार के विरुद्ध कारवाई होनी चाहिए। पेयजल आपूर्ति नहीं होने से महंगे दामों में टैंकर डलवाने पड़ रहें है।
– वागाराम परमार, ग्रामीण
अभी हम विभाग की ओर से अपना पूरा प्रयास कर रहे है कि समय पर पेयजल सप्लाई हो सके। पिछले कुछ दिनों से मुख्य थूर गांव के बूस्टर पर लाइटें गुल होने की समस्या बनी हुई है।
– राजकुमार खत्री, कनिष्ठ अभियंता, जलदाय विभाग रामसीन