जालोर.
जिले के आहोर थाना क्षेत्र के पादरली में बुधवार शाम को एक युवक की हत्या के मामले में गुरुवार को दिन भर समाजबंधुओं ने 6 मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। शाम को करीब 6 मांगों पर सहमति बनने के बाद समाजबंधु शव उठाने को राजी हुए। जिला कलेक्टर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मामले को फास्टट्रैक न्यायालय में चलाया जाएगा। ताकि आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके। दरअसल, बुधवार शाम को घटना होने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर समाजबंधु गांव में ही शव नहीं उठाने को लेकर अड़ गए थे। देर रात को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया था, जिस कारण शव को उठाने दिया गया और रात को शव मोर्चरी में रख दिया गया।
सुबह विभिन्न मांगों को लेकर आहोर सीएचसी परिसर में समाजबंधु एकत्रित हो गए और 6 मांगों को लेकर शव नहीं उठाने को लेकर अड़ गए। प्रशासन ने भी एहतियातन रात को जिले भर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी और जिले के विभिन्न थाना अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया। गुरुवार दिनभर गहमागहमी चली। उसके बाद समाज बंधुओं की ओर से दी गई मांगों पर प्रशासन ने उचित आश्वासन दिया, जिस पर सहमति बन गई। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शाम करीब 5 बजे शव को सुपुर्द किया जा सका।
ये थी छह मांगे
समाज बंधुओं ने ये छह मांग प्रशासन के सामने रखी
– हत्या में प्रयुक्त सभी आरोपी गिरफ्तार किए जाएं, इसमें पुलिस ने मुख्य आरोपी सांकलाराम भील को गिरफ्तार कर लिया है।
– इस प्रकरण को फास्ट ट्रैक न्यायालय में चला कर फांसी की सजा दी जाए, पुलिस ने इसमें भी आश्वासन दिया है।
– परिजनों को बीपीएल में शामिल करने की मांग रखी गई, इसमें उपखंड अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से यह कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।
– परिजनों को एक सरकारी नौकरी दिलाने की मांग रखी गई, कलेक्टर ने इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने का विश्वास दिलाया है।
– समाज बंधुओं ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिलाने की मांग रखी है, प्रशासन ने इसका प्रस्ताव भी सरकार को बनाकर जल्द भेजने का भरोसा दिलाया है।
– इस घटनाक्रम में सहयोगी साजिशकर्ता की खोजबीन कर उनको गिरफ्तार करने की मांग की है, पुलिस ने इसमें भरोसा दिलाया है।
बच्चे को लेकर हुई बोलचाल
आपको बता दें कि पादरली गांव में किशोरसिंह पुत्र मोहब्बतसिंह बुधवार शाम को जा रहा था। इस दौरान पीछे से साकलाराम भील ने हथियार से वार कर उसके गर्दन को धड़ से अलग कर दिया, 3-4 और वार किए तथा सिर दूर पटक दिया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि किशोरसिंह ने रास्ते में जाते समय सांकलाराम के बेटे को कुछ बोल दिया था, जिस कारण सांकलाराम भील गुस्सा गया और आपस में कहासुनी हो गई। जब वापस लौट रहा था, उस दौरान किशोरसिंह पर सांकलाराम भील ने क्रोध में पीछे से वार कर क्रूरतापूर्ण हत्या कर दी।