बागरा. कस्बे के रहने वाले डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर अधिकृत तरुण सुथार का ऑस्टियोआर्थराइटिस पर किया गया शोध Journal of Education and health promotion में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगियों में जीवन की गुणवत्ता और स्व-सूचित विकलांगता की पहचान की गई है।
सुथार ने बताया कि इसके लिए आर्थोपेडिक ओपीडी में एक क्रॉस-सेक्शनल 150 सैंपल पर अध्ययन किया गया। 150 नमूनों में से 103 महिलाएं थीं, 114 हिंदू थीं और 131 विवाहित थीं। एसएफ-36 के आरई डोमेन में उच्चतम औसत स्कोर एसडी 38.43 के साथ 60 था, जो रोगियों का जीवन की गुणवत्ता पर कम प्रभाव को दर्शाता है, जबकि सबसे कम औसत स्कोर एसडी 32.67 के साथ 35.33 था, जो दर्शाता है कि रोगियों का आरपी डोमेन में गंभीर प्रभाव था। डोमेन पीएफ, आरपी, वीटी, बीपी, और जीएच में ओए वाले मरीजों के जीवन की गुणवत्ता खराब थी। ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों ने सीढ़ियां चढ़ने में दर्द, सुबह के समय अकड़न और भारी घरेलू काम करने में कार्यात्मक कठिनाइयों के मामले में यह शोध अक्षमता दिखाता है।
गौरतलब है कि सुथार ने B.Sc.Nursing गीतांजलि विश्वविद्यालय उदयपुर से पूर्ण की और उसके उपरांत उनका चयन M.Sc.Nursing के लिए एम्स जोधपुर में हुआ, जहां इन्होंने इस शोध को पूर्ण किया। जिसमें वंदना पांडेय, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अभय एलहंस और डॉ. विकास चौधरी का सहयोग रहा। इसके उपरांत उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इमरजेंसी विभाग में नर्सिंग ऑफिसर का पदभार सँभाला।