जालोर. राजस्व मामलों में कमियों व अनियमिताओं को लेकर शिवसेना (ठाकरे) पार्टी की ओर से जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के बाहर पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें मामलों में पीड़ित लोग भी शामिल है। लोकतांत्रिक रूप से चल रहे इस धरना प्रदर्शन से अब वे पटवारी और तहसीलदार घबराने लग गए है, जो समय पर कार्य नहीं कर रहे थे। गुरुवार को इन्होंने राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शिवसेना पार्टी के जिला प्रमुख रूपराज राजपुरोहित पर कानूनी कार्रवाई की मांग कर डाली। परिषद ने दिन में यह ज्ञापन सौंपा और रात तक भाद्राजून तहसीलदार को राजस्व मंडल के निबंधक ने निलंबित कर दिया।
राजस्व सेवा परिषद ने शिकायत में यह लिखा
राजस्व सेवा परिषद की ओर से लिखा गया कि पिछले कुछ दिनों से शिवसेना जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित व अन्य द्वारा जिला मुख्यालय पर तहसील भाद्राजून, जालोर, आहोर के राजस्व कार्मिकों के विरूद्ध अनावश्यक दबाव व निजी स्वार्थ सिद्धि के उद्देश्य से कार्मिकों व जिला प्रशासन को बदनाम करने के लिए धरना दिया जा रहा है, जिस कारण उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में बताया कि तहसीलदार भाद्राजून व पटवार मंडल भाद्राजून के राजस्व कार्मिकों के द्वारा उच्च न्यायालय राजस्थान के निर्णय की पालना में ग्राम भाद्राजून के खसरा नं. 1353 में अतिक्रमण हटाने एवं नामान्तकरण की कार्यवाही की गई, जो कि पूर्णतः न्यायालय के आदेशों के अनुरूप की गई। साथ इस प्रकरण में जिन व्यक्तियों का अतिक्रमण हटाया गया, उन्हें न्यायालय द्वारा अतिक्रमी घोषित किया गया था, लेकिन अतिक्रमण हटाने के पश्चात से अतिक्रमियों एवं अन्य द्वारा राजस्व कार्मिकों व जिला प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाने के उद्देश्य से धरना, विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
साथ ही बताया कि ग्राम देसु निवासी कुयाराम का जालोर तहसील के जिस नामांतरण को भरवाने के लिए शिवसेना द्वारा धरना प्रदर्शन करते हुए दबाव बनाया जा रहा हैं, वह अपीलीय न्यायालय अतिरिक्त जिला कलेक्टर, जालोर की पालना में भरा जाना हैं, इसमें परिवादी को राहत देने के उद्देश्य से तहसीलदार जालोर द्वारा सहभावनापूर्वक कार्यवाही करते हुए विधिक राय प्राप्त करने हेतु विधि सलाहकार को भिजवाया गया, लेकिन इसी दौरान सिविल न्यायालय में भी एक वाद इसी संबंध में दायर किया था, इसलिये प्रकरण में विधिक प्रश्न निहित होने के कारण विधिक राय प्राप्त होने के उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही विचाराधीन हैं। लेकिन इस प्रकरण में शिवसेना प्रमुख रूपराज पुरोहित एवं अन्य के द्वारा निजी स्वार्थ पूर्ति के उद्देश्य से तहसीलदार जालोर व जिला प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है व बदनाम किया जा रहा है, जबकि न्यायालयों के आदेशों के नामान्तरण में जटिल विधिक तत्व निहित होने से धरनार्थियों के दबाव में वैधानिकता पर विचार किये बिना नामान्तरण खोलना विधि संगत नहीं हैं।
पटवारी पर दबाव का आरोप
तहसीलदार आहोर व तहसील आहोर के राजस्व कार्मिकों को भी नामान्तरण के मामलों में अनावश्यक दबाव बनाकर बदनाम किया जा रहा हैं एवं तहसील आहोर के पटवारी अमीन खान के विरुद्ध रूपराज पुरोहित द्वारा अनावश्यक दबाव एवं प्रताड़ित किया जा रहा है।जबकि तहसील आहोर के मुताबिक विधि के अनुसार सभी प्रकार के नामान्तरण समय पर दर्ज व निस्तारित किये जा रहे हैं। ज्ञापन में बताया कि इस प्रकार अनावश्यक ही राजस्व कार्मिकों पर दबाव बनाने एवं विधि विरुद्ध कार्य हेतु दबाव बनाने एवं बदनाम करने के लिए रूपराज पुरोहित व अन्य द्वारा धरने प्रदर्शन किये जा रहे है, जिससे सभी राजस्व कार्मिक स्वयं की अनावश्यक मानहानि व बदनामी महसूस करते हैं तथा इससे समस्त राजस्व कार्मिकों में रोष व्याप्त हैं। ज्ञापन के जरिए शिवसेना प्रमुख रूपराज पुरोहित व अन्य के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लावी जावे, ताकि भविष्य कोई विधि विरूद्ध दबाव बनाने की चेष्टा नहीं करे एवं कार्मिक हतोत्साहित न होवें।
इनका कहना है …
हम तो पीड़ित जनता के साथ लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे है। मैंने तहसीलदार या पटवारी को कोई मेरा व्यक्तिगत काम नहीं बताया है। हमने जो भी कार्य बताएं वे जनहित के थे। जनहित के कार्य इनको करने ही पड़ेंगे। धरने पर बैठना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, उसी आधिकार के तहत शिवसेना पीड़ित के लिए धरना प्रदर्शन कर रही है।
– रूपराज राजपुरोहित, जिला प्रमुख, शिवसेना (ठाकरे), जालोर
चार साल से नहीं भर रहे म्यूटेशन
हम छह भाई है, पिताजी के गुजरे करीब चार साल हो गए। हम बेंगलुरू रहते है, साल में एक बार गांव आते है, पटवारी को बोलते बोलते थक गए, लेकिन म्यूटेशन नहीं भर रहे है।
– बूटासिंह पुत्र हेमाराम नाई, थांवला
मैं पहले थांवला में पटवारी था, इस प्रकार का प्रकरण नहीं आया। या फिर कोई स्टे वगेरह होगा। अभी मैं थांवला में नहीं हूँ।
– अमीन खान, पटवारी