- एनएच 325 के तहत आहोर शहर से निकलना है ओवरब्रिज
- पूर्व में निर्धारित किया था बायपास
जालोर. आहोर में भू-माफियाओं के आगे कांग्रेस-भाजपा दोनों पार्टियों के नेता बेबस नजर आ रहे है। पूर्व में भूमाफियाओं ने बायपास को निरस्त करवा दिया था। जिस कारण उसके स्थान पर शहर के बीचोबीच ओवरब्रिज की डीपीआर तय कर बजट जारी कर दिया, लेकिन अब भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेता यह कह रहे है कि ओवरब्रिज के निर्माण से शहर का बाजार बर्बाद हो जाएगा। जहां कांग्रेस नेता केंद्र सरकार को दोष करार दे रहे हैं वहीं भाजपाई प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बता रहे है। गुरुवार को कांग्रेसियों ने आहोर उपखण्ड अधिकारी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नाम ज्ञापन भेजकर ओवरब्रिज निर्माण को रद्द करने की मांग की है।
दोनों ने साध ली थी चुप्पी
करीब छह साल पहले राष्ट्रीय राजमार्ग 325 की डीपीआर बनी थी, बालोतरा से लेकर सांडेराव तक इस हाइवे के बीच आने वाले बड़े कस्बों के बायपास की भी डीपीआर अलग बनी थी। जिसमें जालोर, सिवाना, बिशनगढ़ समेत आहोर कस्बे के लिए भी बायपास की डीपीआर तैयार की थी। सूत्रों के मुताबिक आहोर कस्बे के लिए निर्धारित किये गए बायपास मार्ग में कई बड़े लोगों की जमीन का हिस्सा जा रहा था। भूमाफियाओं ने किसी विशेष कारणों का हवाला देते हुए गोपनीय तरीके से बायपास रद्द करवा दिया और उसके स्थान पर शहर के बीचोबीच से ओवरब्रिज की डीपीआर तैयार करवा दी। बताया जा रहा है कि उस दौरान तत्कालीन विधायक ने भी चुप्पी साध ली थी, चुनाव और वोटबैंक की राजनीति के चलते कोई नेता नहीं बोल पाया था। ओवरब्रिज की डीपीआर तय होने के बाद अब बजट भी जारी हो चुका है, अब इसके निर्माण की भनक लगी तो भाजपा व कांग्रेस के नेताओं की फिर से आंख खुली और इसके निर्माण को रुकवाने का प्रयास किया जा रहा है।
कई नेताओं के कॉम्प्लेक्स को भी हो रहा है नुकसान
जानकारी के मुताबिक यह ओवरब्रिज निर्माण तहसील कार्यालय से लेकर माधोपुरा तक बनना है, करीब 800 मीटर दूरी तक इसका निर्माण होगा। इसके निर्माण से कई नेताओं के कॉम्प्लेक्स भी जद में आ रहे है। साथ ही अम्बेडकर सर्कल भी इसकी जद में आएगा। भाजपाइयों का कहना है कि प्रदेश सरकार के अधीन कार्यकारी एजेंसी इसका निर्माण कर रही है। राज्य सरकार को इसको रोकना चाहिए, वहीं कांग्रेसी कह रहे है कि नेशनल हाइवे के अधीन होने के कारण केंद्र सरकार को सोचना चाहिए।
कांग्रेस पदाधिकारियों ने किया प्रदर्शन
जालोर जिले के आहोर में बाजार से निकलने वाले ओवरब्रिज के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार को आहोर मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 325 के तहत सांडेराव से जालौर जाने वाली सड़क पर आहोर कस्बे से गुजरने वाली सड़क पर ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए आदेश करते हुए बजट जारी किया गया है। आहोर में इस सड़क के दोनों तरफ आहोर का मुख्य बाजार है, जहां पर दुकानों का संचालन किया जाता है। बड़े-बड़े कॉम्प्लेक्स है और सरकार के सभी बड़े कार्यालय स्थित है इस ओवरब्रिज के निर्माण से यहां के बाजार को बड़ा नुकसान होगा, यहां की जनता को बड़ी परेशानी होगी। ऐसे में कांग्रेस ने इस ओवरब्रिज तुरंत रद्द करने की मांग की है। साथ ही इसका नया विकल्प तलाशने की मांग की है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य सवाराम पटेल, आम सिंह परिहार, वीरेंद्र जोशी, सरोज चौधरी, भंवरलाल मेघवाल, जुजा राम चौधरी, अमृतलाल, गलबा राम मीणा, प्रेम सिंह, मांगीलाल समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इनका कहना है…
उपखंड मुख्यालय आहोर पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा आहोर बाजार से निकलने वाले स्वीकृत फोरलाइन (ओवरब्रिज) सड़क को रोकने एवं बाईपास हेतु जो धरना दिया जा रहा है, जो जनता को बरगलाने का काम है। यदि इस सड़क को रोकने का काम राज्य की कांग्रेस सरकार का है तो धरना किस बात का है। क्योंकि कार्यकारी एजेंसी सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान है तो इसलिए आहोर की जनता समझदार है। उन्हें पता है उपखंड मुख्यालय पर जो धरना दिया जा रहा है जो केवल कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का नाटक है।
केंद्र सरकार की ओर से यह कार्य किया जा रहा है, इसके लिए बजट भी जारी कर दिया। सांसद व विधायक को इसके बारे में सरकार को बताना चाहिए। क्योंकि इसके निर्माण से पूरा बाजार बर्बाद हो जाएगा। नया विकल्प नहीं बने तो इसे ऐलीवेटेड रोड कर दिया जाए लेकिन पूर्ण ओवरब्रिज निर्माण न किया जाए।